Hindi, asked by kamalgore015, 1 month ago

3. उसकी ही उम्र अभी क्या थी। छत्तीसवां ही साल तो थो, पर सारे बाल पक गए थे, चेहरे पर झुर्रियाँ पड़ गई थीं। सारी देह ढल गई थी, वह सुंदर गेहुआं रंग सँवला गया था और आँखों से भी कम सूझने लगा था । पेट की चिंता ही के कारण तो। कभी तो जीवन का सुख न मिला । इस चिरस्थायी जीर्णावस्था ने उसके आत्म-सम्मान को उदासीनता का रूप दे दिया था। जिस गृहस्थी में पेट की रोटियाँ भी न मिलें, उसके लिए इतनी खुशामद क्यों ?​

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Answered by bavanisubbiah5
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Answer:

behfhehsheegsge

Explanation:

eyuejrhrjjrjrjrjjejekk

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