Hindi, asked by vvedikagoudiya, 18 days ago

3) 'उत्साह कविता के शीर्षक की सार्थकता तर्क सहित स्पष्ट कीजिए ।​

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Answered by shishir303
55

‘उत्साह’ कविता का शीर्षक ‘उत्साह’ इसलिये रखा गया क्योंकि इस कविता के माध्यम से कवि ने बादलों आह्वान करके बादलों को क्रांति व चेतना का प्रतीक बनाया है। इस कविता के माध्यम से कवि ने लोगों के मन में उत्साह भरने का प्रयत्न किया है, इसलिये ये शीर्षक पूर्ण रूप से सार्थक है।

‘उत्साह’ कविता ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ जी द्वारा रचित कविता है, जो कि एक आह्वान गीत है। इसमें कवि ने बादलों का आह्वान किया है। कवि ने बादलों को नवचेतना व क्रांति का प्रतीक बनाया है। किसी भी परिवर्तन के लिए नवचेतना की आवश्यकता होती है। गर्मी से त्रस्त वातावरण में बादल परिवर्तन की क्रांति बनकर गरजते-बरसते हैं तो मौसम सुहावना होता है और गर्मी से त्रस्त प्राणियों को राहत मिलती है। इस तरह बादल क्रांति द्वारा परिवर्तन लाकर नवचेतना का प्रतीक बनते ,हैं इसीलिए कवि बादलों का आह्वान कर रहा है।

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Answered by franktheruler
26

" उत्साह कविता के शीर्षक की सार्थकता निम्न प्रकार से तर्क सहित स्पष्ट की गई है

- उत्साह " कविता कवि सूर्यकांत निरालाजी

की रचना है जिसमें उन्होंने लोगो को बादलों के

माध्यम से सकारात्मक दृष्टिकोण रखने की प्रेरणा

दी है।

- कवि ने इस कविता में बादलों का आह्वान किया

है। वे कहते है कि बादल उत्साह तथा ऊर्जा का

प्रतीक है

- बादलों के माध्यम से कवि यह संदेश देना चाहते

है कि बादल घोर गर्जना करते है , वे बरसते है।

उनके इस कार्य से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए, वे

गरजकर हमारे अंदर उत्साह का संचार करते

है।

- कवि कहते है कि बादल क्रांति दूत बनकर आए

है। वे सोए हुए व आलसी लोगों को जगाते है।

कवि का उद्देश्य भी लोगों की सोई हुई मानवता

जगाना है , वे भारत देश से भ्रष्टाचार मिटाना

चाहते है , वे कहते है कि इस कार्य के लिए

लोगों में क्रांति की आवश्यकता है।

- वे लोगो से कहते है कि वे इन गरज़ते हुए बदलो से प्रेरणा ले व अपने आप में ऊर्जा का संचार करें।

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