Hindi, asked by gomathisaivarsha22, 10 months ago

3 उद्धव के विचार गोपियों के विचारों से कैसे अलग हैं ​

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Answered by Anonymous
5

Answer:

गोपियां और उधवजी

Explanation:

गोपियाँ उनकी बाल-सुलभ क्रीड़ाओं और वंशी बजाने के कारण उनसे प्रेम करती थीं। वे सभी विवाहित महिलाएँ थीं और उनका प्रेम निश्छल था। वैसा ही कृष्ण का भी था। द्वारिका जाने के बाद जब उद्धव जी कृष्ण का संदेश लेकर गोपियों के पास पहुँचे, तो उनके प्रेम को देखकर दंग रह गये। गोपियों ने उनसे कहा- “उद्धव जी महाराज, आप अपना ज्ञान अपने पास रखिये। हमें नहीं चाहिए आपका ज्ञानी, ध्यानी, पराक्रमी कृष्ण। हमें तो अपना वही नटखट, गाय चराने वाला, माखन चुराने वाला, वंशी बजाने वाला, मन मोहने वाला कृष्ण चाहिए।” प्रेम की यह पराकाष्ठा देखकर उद्धव जी अपना सारा ज्ञान भूल गये।

Answered by bhatiamona
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उद्धव के विचार गोपियों के विचारों से कैसे अलग हैं ​:

उद्धव के विचार गोपियों के विचार से इस तरह अलग हैं, कि वे योग-साधना पर बल देते हैं, जबकि गोपिया प्रेम को अधिक महत्व देती हैं। उद्धव नीति और ज्ञान की बाते जानते हैं, उनके अनुसार गोपियों को अपने मन को योग-साधना के द्वारा शांत और स्थिर करना चाहिये ताकि वह कृष्ण को विरह से मुक्त हो सकें, जबकि गोपियां भले उद्धव की तरह ज्ञानी न हों, पर वह व्यवहारिक बातों को जानती है।

वह  प्रेम द्वारा अपने मन को स्थिर करना जानती हैं। उद्धव के अनुसार गोपियों को मन कृष्ण प्रेम के विरह में चंचल हो चुका है, जबकि गोपियों मानना है कि कृष्ण प्रेम के द्वारा उन्होंने अपने मन को स्थिर कर लिया अर्थात सच्चे प्रेम से मन चंचल नही होता बल्कि एक ही आराध्य में स्थिर हो जाता है।

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