3. विस्तार से उत्तर लिखिए-
क. हरिदास द्वारा कराई गई प्रतिज्ञा को सुनकर बैजू का क्या हाल हुआ? उसने गुरु से कोई वाद-विवाद क्यों
नहीं किया?
ख. बाजारों में गाते नवयुवक साधु को न तो लोग चेता पाए और न ही सिपाही हथकड़ियाँ लगा पाए। क्यों?
ग. बैजू बावरा ने तानसेन की जान क्यों बख्श दी और उसने कौन-से नियम को हटाने के लिए कहा?
घ. बैजू बावरा और तानसेन का चरित्र-चित्रण (Characterization) कीजिए।
आशय स्पष्ट कीजिए-
आज से पहले उन्होंने जुगनू देखे थे। आज उन्होंने सूरज देख लिया था।plz answer fast plz give correct answer it is urgent
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Answer:
प्रश्न-हरिदास द्वारा कराई गई प्रतिज्ञा को सुनकर बैजू का क्या हाल हुआ? उसने गुरु से कोई वाद-विवाद क्यों
हरिदास द्वारा कराई गई प्रतिज्ञा को सुनकर बैजू का क्या हाल हुआ? उसने गुरु से कोई वाद-विवाद क्योंनहीं किया?
उत्तर-हरिदास द्वारा कराई गई प्रतिज्ञा को सुनकर बैजू का लहू सुख गया । उसके पैर लड़खड़ा ने लगे। 12 वर्ष की तपस्या पर एक क्षण में पानी फिर गया मगर उसने गुरु के सामने एक शब्द भी नहीं निकाला क्योंकि गुरु गुरु होता है शिष्य शिष्य होता है । शिष्य गुरु से वाद-विवाद करें यह भारत की मर्यादा नहीं है।
प्रश्न-बाजारों में गाते नवयुवक साधु को न तो लोग चेता पाए और न ही सिपाही हथकड़ियाँ लगा पाए। क्यों?
उत्तर-बाजारों में गाते नवयुवक साधु को न तो लोग चेता पाए और न ही सिपाही हथकड़ियाँ लगा पाए क्योंकि साधु इतना मुग्ध होकर गीत गा रहा था जिससे सिपाहियों ने हथकड़ी पहनाने से पहली उसकी राग गीत को मुग्ध होकर सुनने लगे जिससे साधु को न लोग चेता पाए और न ही सिपाही हथकड़ी पहना पाए।
प्रश्न-बैजू बावरा ने तानसेन की जान क्यों बख्श दी और उसने कौन-से नियम को हटाने के लिए कहा?
उत्तर-
mark me brainliest question bro.
Answer:
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please mark as brainlist
3. सोचिए (मूल्यपरक प्रश्न)
क. तानसेन का आगरे में अपने बराबर न गानेवालों का प्रवेश निषेध कराना और न माननेवालों को मृत्युदंड देना क्या संगीत का अपमान न था? क्या अहंकार साधना और विद्या को क्षीण कर देता है? अपने विचार प्रस्तुत कीजिए।