3. विस्तार से उत्तर लिखिए- क. कवयित्री ने स्वयं को पुजारिन और भिखारिन क्यों कहा? ख. क्या ईश्वर को बहुमूल्य भेंट व दान-दक्षिणा से प्रसन्न किया जा सकता है? तर्क दीजिए। ग. कविता में किसे ईश्वर की वस्तु कहा गया है और क्यों? घ. कविता का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए। भाव स्पष्ट कीजिए- क. पूजा और पुजापा प्रभुवर! इसी पुजारिन को समझो। दान-दक्षिणा और निछावर, इसी भिखारिन को समझो। ख. मैं उन्मत्त प्रेम की प्यासी, हृदय दिखाने आई हूँ। जो कुछ है, वही यहीं पास है, इसे चढ़ाने आई हूँ।
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