3. वृद्धि वलय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
Answers
- वृद्धि संक्षिप्त टिप्पणी
Explanation:
"द्विबीजपत्री (Dicot) पौधों के तनों में प्रत्येक वर्ष द्वितीयक जायलम के वलय बनते हैं। जिसे वार्षिक वलय (Annual ring) कहते हैं। इनके बनने से पौधों के तनों की मोटाई में वृद्धि होती है। इसलिए इसे वृद्धि वलय (Growth ring) कहते हैं।"
- वार्षिक वलय या वृद्धि वलय का निर्माण द्वितीयक वृद्धि के दौरान केम्बियम की सक्रियता से होता है।
- वार्षिक वलय या वृद्धि वलय (Annual ring or growth ring) का निर्माण बहुवर्षीय (Perennial) पौधों में होता है, जैसे-द्विबीजपत्री पौधे (Dicot plant), आवृतबीजीय पौधे (Gymnosperm plant) I
- पौधों के तनों में ये द्वितीयक जाइलम (Secondary xylem) की कई संकेन्द्रीय (Concentric) परतों (layers) के रूप में होती है जो मौसमी वृद्धि को व्यक्त करती है।
- पुराने पौधों (Old plants) में ये Growth ring उस समय दिखाई देती है जब हम तने को अनुप्रस्थ (Transverse) तल से काटते हैं।
- प्रतिकूल मौसम (Unfavourable condition) में सकरी (Narrow) एवं अनुकूल मौसम (Favourable condition) में चौड़ी (Wider) वलयों (ring) का निर्माण होता है।
- एक वृद्धि वलय (Growth ring) दो प्रकार की काष्ठ के बने होते हैं-(i) बसंत काष्ठ (Spring wood), (ii) शरद काष्ठ (Autumn wood)।
- बसन्त काष्ठ (Spring wood) बसन्त ऋतु में बनती है। उस समय अनुकूल परिस्थितियाँ और पर्याप्त भोजन की उपलब्धता होती है जिससे बड़ी और चौड़ी वाहिकाओं (vessels) एवं वाहिनिकाओं (Tracheids) का निर्माण होता है।
- शरद काष्ठ (Autumn wood) का निर्माण शीत या शरद ऋतु में होता है।
- इस समय प्रतिकूल मौसम होता है तथा पर्याप्त भोज्य पदार्थ की उपलब्धता नहीं होती है जिससे छोटी एवं संकरी वाहिकाएँ एवं वाहिनिकाएँ (Vessels and tracheids) का निर्माण होता है। इस प्रकार की काष्ठ शरद काष्ठ (Autumn wood) कहलाती है।
- वृद्धि वलय (Growth ring) गहरे रंग के होते हैं।
- जहाँ पर पूरे वर्ष भर मौसम समान रहता है उन पौधों के तनों में स्पष्ट तौर पर ये रिंग नहीं दिखाई देती हैं।