Hindi, asked by pragyakhanduri97, 2 days ago

3 विद्या-धन उद्यम बिना, कहो जु पावै कौन। बिना डुलाए ना मिले, ज्यों पंखा की पौन ।। अर्थ हिंदी ​

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Answered by madhulatapandey316
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Answer:

कवि कहते हैं कि विद्या और धन बिना मेहनत के कोई भी प्राप्त नहीं कर सकता है। अर्थात् विद्या और धन परिश्रम से ही प्राप्त किया जाता है। बिना परिश्रम किए कोई प्राप्त नहीं कर पाता है, जिस प्रकार पंखा को हिलाए अर्थात् डुलाए बिना उससे हवा का सुख प्राप्त नहीं किया जा सकता है।

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