3. वायुभार पर जलवाष्प का भूमिका का वर्णन करा
4. एशिया की जलवायु को किस प्रकार अक्षांश की स्थिति तथा समुद्र से दूरी प्रभावित करती है??
Answers
Answer:
जलवाष्प अथवा जल वाष्प पानी की गैसीय अवस्था है और अन्य अवस्थाओं के विपरीत अदृश्य होती है। पृथ्वी के वायुमण्डल में इसकी मात्रा लगातार परिवर्तनशील होती है। द्रव अवस्था में स्थित पानी से जलवाष्प का निर्माण क्वथन अथवा वाष्पीकरण के द्वारा होता रहता है और संघनन द्वारा जलवाष्प द्रव अवस्था में भी परिवर्तित होती रहती है। बर्फ़ से इसका निर्माण ऊर्ध्वपातन की प्रक्रिया द्वारा होता है।
Explanation:
सूचना-प्रौद्योगिकी के वर्तमान युग में आधुनिक भौगोलिक प्रविधियों यथा-‘दूर संवेदन’, भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) अंतः जलीय फोटोग्राफी आदि से लैस समुद्र विज्ञान एवं मौसम विज्ञान ने समुद्र एवं जलवायु के गूढ़ रहस्यों एवं संबंधों को सुलझाने का सफल प्रयास किया है। समुद्र द्वारा विभिन्न आयामों-वैश्विक, महाद्वीपीय, क्षेत्रीय और स्थानीय स्तर पर जलवायु को कई प्रकार से बड़े पैमाने पर प्रभावित किया जाता है।
पृथ्वी की 70 प्रतिशत सतह समुद्र से घिरी है, इस प्रकार समुद्र विश्व का सबसे बड़ा सौर्य ऊर्जा संग्राहक और भंडारण प्रणाली है। ग्रीष्म ऋतु एवं दिन के वक्त समुद्र सौर्य उष्मा का अवशोषण करते हैं तथा शीत ऋतु एवं रात्रि में वे सूर्य से प्राप्त उष्मा का पुनर्विकिरण करते हैं जिससे हमारा वायुमंडल गर्म होता है और पृथ्वी को जीवनदायिनी शक्ति प्राप्त होती है। समुद्र द्वारा बड़े पैमाने पर उष्मा अवशोषण एवं पुनर्विकिरण के कारण ही समुद्र तटीय क्षेत्र की जलवायु वर्षभर समशीतोष्ण बनी रहती है और इस प्रकार हमें दो परस्पर विपरीत प्रवृत्ति वाली जलवायु-‘समुद्रतटीय’ एवं ‘महाद्वीपीय’ – की प्राप्ति होती है।
समुद्री जलधाराओं द्वारा तटीय क्षेत्रों के तापमान में परिवर्तन किया जाता है। उष्ण धारायें तटीय क्षेत्रों के तापमान को बढ़ा देती है। उदाहरण के लिए गल्फधारा के कारण उच्च अक्षांशों (65ºN) में अवस्थित नार्विक एवं मर्मोंस्क जैसे बंदरगाहों पर शीत ऋतु में भी बर्फ नहीं जमती और वर्षभर ये खुले रहते हैं। ठीक इसके विपरीत ठंडी लैब्रोडोर जलधारा के प्रभाव के कारण अपेक्षाकृत निम्न अक्षांश (45º-50º N) में अवस्थित सेंटलॉरेंस समुद्री मार्ग बर्फ जमने के कारण शीत ऋतु में अवरूद्ध हो जाता है।
उष्ण जलधारायें विषुवतीय प्रदेश की अतिरिक्त उष्णता को उच्च अक्षांशों तक तथा ठंढी जलधारायें ध्रुवीय शीतलता को निम्न अक्षांशों तक ले जाती है और इस प्रकार समुद्र अक्षांशीय उष्मा संतुलन में अहम भूमिका निभाता है। गर्म एवं ठंडी जलधाराओं के मिलन क्षेत्र में अभिवहन कुहरा (Advection fogs) की उत्पत्ति होती है तथा यह क्षेत्र मत्स्ययन के लिए आदर्श क्षेत्र होते हैं। जापान एवं न्यूफाऊंडलैंड के समुद्री तट इस संदर्भ में उल्लेखनीय हैं।
महाद्वीपों के पश्चिमी भाग में अवस्थित विषुवतीय-मरूस्थलों यथा – नामिब, आटाकामा, कैलिफोर्निया और सहारा की उत्पत्ति में इन क्षेत्रों की ठंडी जलधाराओं की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। समुद्र वायुमंडल में उपलब्ध आर्द्रता के सबसे बड़े स्रोत हैं तथा महाद्वीपों पर होने वाली वर्षा का अधिकांश भाग समुद्र से ही प्राप्त किया जाता है। पृथ्वी की सतह पर ‘जल चक्र’ के संचलन में समुद्र सबसे प्रमुख अवयव है।
महाद्वीपीय एवं महासागरीय भागों के असमान सौर्य तापन के कारण स्थानीय आवर्ती पवनों यथा-स्थल समीर, सागर समीर एवं क्षेत्रीय स्तर पर मानसून पवनों आदि की उत्पत्ति होती है। विभिन्न समुद्री घटनायें यथा- एलनीनो, दक्षिणी दोलन (Southern oscillation), सोमाली जलधारा आदि मानसून के प्रदर्शन पर आश्चर्यजनक प्रभाव डालती है। यह पाया जाता है कि एलनीनो के कारण चिली मरूस्थल में अत्यधिक वर्षा, सहारा मरूस्थल में अति शुष्कता एवं भारतीय मानसून का खराब प्रदर्शन जैसी भौगालिक घटनायें घटती हैं।
एशिया महाद्वीप में विशाल अक्षांशीय विस्तार है। समुद्र से दूरी: एशिया के प्रमुख भाग समुद्र के मध्यम प्रभाव से बहुत दूर आंतरिक भाग में स्थित हैं
Explanation:
- जलवाष्प भी वातावरण में सबसे महत्वपूर्ण ग्रीनहाउस गैस है।
- पृथ्वी की सतह से निकलने वाली ऊष्मा निचले वायुमंडल में जल वाष्प के अणुओं द्वारा अवशोषित की जाती है।
- जल वाष्प के अणु, बदले में, सभी दिशाओं में गर्मी विकीर्ण करते हैं। कुछ ऊष्मा पृथ्वी की सतह पर लौट आती है।
- वायु में जलवाष्प की मात्रा को निरपेक्ष आर्द्रता कहते हैं।
- हवा में पानी की मात्रा की तुलना में हवा में जलवाष्प की मात्रा को सापेक्ष आर्द्रता कहा जाता है।
- हवा में जगह की यह मात्रा जो पानी को रोक सकती है, तापमान और दबाव के आधार पर बदल जाती है
- जल वाष्प सबसे महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रतिक्रिया का कारण बनता है।
- जैसे-जैसे पृथ्वी गर्म होती है, वाष्पीकरण की दर और हवा में जलवाष्प की मात्रा दोनों में वृद्धि होती है।
- क्योंकि जलवाष्प एक ग्रीनहाउस गैस है, इससे और गर्मी बढ़ती है
- समुद्र से दूरी: एशिया के प्रमुख भाग समुद्र के मध्यम प्रभाव से बहुत दूर आंतरिक भाग में स्थित हैं।
- इस प्रकार, कम और असमान वर्षा वाले इन क्षेत्रों में चरम प्रकार की जलवायु का अनुभव होता है।
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