Hindi, asked by hiteshdurge3000, 2 months ago

3) 'व्यक्ति को कर्मप्रधान होना चाहिए। इस विषय पर अपने विचार 40 से 50 शब्दों
में लिखिए।​

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Answered by geetikaamitkhanna
14

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ur answer

ok see this answer which l have given

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Answered by khushi365019
22

Answer:

संसार में दो तरह के लोग होते हैं। एक कर्म करने वाले लोग और दूसरे भाग्य के भरोसे बैठे रहने वाले लोग। बड़े-बड़े महापुरुष, वैज्ञानिक, उद्योगपति, शिक्षाविद, देश के कर्णधार तथा बड़े-बड़े अधिकारी अपने कार्यों के बल पर ही महान कहलाए। कर्म करने वाले व्यक्ति ही अपने परिश्रम के फल की उम्मीद कर सकते हैं। हाथ पर हाथ रखकर भगवान के भरोसे बैठे रहने वालों का कोई काम पूरा नहीं होता। निष्क्रिय बैठे रहने वाले लोग भूल जाते हैं कि भाग्य भी संचित कर्मों का फल ही होता है। किसान को अपने खेत में काम करने के बाद ही अन्न की प्राप्ति होती है। व्यापारी को बौद्धिक श्रम करने के बाद ही व्यवसाय में लाभ होता है। कहा भी गया है कि कर्म प्रधान विश्व करि राखा। जो जस करे सो तस फल चाखा। इस प्रकार कर्म सफलता की ओर ले जाने वाला मार्ग है।

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