Hindi, asked by thefortunateowner, 25 days ago

3. वैयक्तिक और सामाजिक संप्रेषण में अंतर स्पष्ट कीजिए।​

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Answered by shishir303
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वैयक्तिक संप्रेषण और सामाजिक संप्रेषण में अंतर इस प्रकार है...

वैयक्तिक संप्रेषण ➲ वैयक्तिक संप्रेषण संप्रेषण का वह प्रकार होता है, जिसमें एक या दो व्यक्ति के बीच संप्रेषण स्थापित होता है। वैयक्तिक संप्रेषण में एक या दो व्यक्तियों की आवश्यकता होती है। ये संप्रेषण दो तरह का होता है, आत्मगत संप्रेषण या बाह्यगत संप्रेषण।

आत्मगत संप्रेषण में व्यक्ति स्वयं से बात करता है और जिसमें वह अपना आत्मचिंतन आत्मनिरीक्षण करता है। मन ही मन बात करना, सोच-विचार करना आदि आत्मगत  क्रियाओं के द्वारा स्वयं से वार्तालाप करता है।

बाह्यगत संप्रेषण में एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से वार्तालाप करता है। इसमें दो व्यक्तियों की आवश्यकता होती है। बाह्यगत संप्रेषण की प्रक्रिया आमने-सामने रहकर, टेलीफोन अथवा संचार के अन्य माध्यमों से हो सकती है। वैयक्तिक संप्रेषण की विशेषता यह है कि इसमें आत्मगत संप्रेषण में व्यक्ति आत्म चिंतन करता है तो उसके अंदर की विचार शक्ति प्रबल होती है, वहीं बाह्यगत संप्रेषण में व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से संप्रेषण करता है तो आत्मीयता का भाव पैदा होता है।

सामाजिक संप्रेषण ➲ सामाजिक संप्रेषण में व्यक्ति पूरे समाज से संप्रेषण करता है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और अपने समाज, अपने घर, दफ्तर, मोहल्ले आदि में लोगों से संप्रेषण करना सामाजिक संप्रेषण की श्रेणी में आता है। सामाजिक संप्रेषण का दायरा विशाल और बहुआयामी होता है। वैयक्तिक संप्रेषण के अलावा जितने भी संप्रेषण है, वह सामाजिक संप्रेषण कहे जा सकते हैं। सामाजिक संप्रेषण मनुष्य को सामाजिक बनाता है और उसके अंदर पारदर्शिता की भावना पैदा होती है।  

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