30. भारत में वैश्वीकरण को संभव बनाने वाले बहुत से कारक हैं। इन कारकों को विस्तार से समझाइए।
अथवा
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A--
Answers
Explanation:
वैश्वीकरण के कारक:
1980 – 90 के दशक तक अधिकांश देश अपने बाजार को विश्व के बाजार से अलग थलग रखना पसंद करते थे। ऐसा इसलिए किया जाता था ताकि स्थानीय उद्योग धंधों को बढ़ावा मिल सके। इसके लिये भारी आयात शुल्क लगाया जाता था ताकि आयातित सामान महंगे हो जाएँ। इस तरह की नीतियों को ट्रेड बैरियर कहते हैं।
वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन ने अपने सदस्य देशों को इस बात के लिये सहमत कर लिया कि ट्रेड बैरियर घटाए जाएँ। वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन पूरी दुनिया में बेरोकटोक आर्थिक अवसर का पक्षधर रहा है। भारत भी इस संस्था का एक सदस्य है।
भारत सरकार ने 1991 में उदारवादी नीतियों की शुरुआत की। उसके बाद भारत में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों का पदार्पण हुआ। आज उन उदारवादी नीतियों के परिणाम हर ओर दिखाई देते हैं। 1990 के पहले भारत में यदि किसी को कार खरीदना होता था तो दो ही विकल्प थे; एंबेसडर या प्रीमियर पद्मिनी। उसके लिये भी नम्बर लगाना होता था और नम्बर आने में दो साल से भी अधिक लगते थे। अब भारत के बाजार में विश्व की नामी गिरामी कम्पनियों की कारें उपलब्ध हैं और एक व्यक्ति जिस दिन चाहे उस दिन अपने पसंद की कार खरीद सकता है।