30. जातीय पूर्वाग्रह का क्या अर्थ है ?जातीय वर्गीकरण का क्या अर्थ है
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इस शब्द का उस स्थिति में प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति या लोगों के किसी समूह के विरुद्ध निर्णय दिया गया हो और वह व्यक्ति या लोग किसी विशेष लिंग, राजनैतिक विचार, वर्ग, उम्र, धर्म, जाति, भाषा, राष्ट्रीयता के हों। .
जातीय पूर्वाग्रह का क्या अर्थ है ?जातीय वर्गीकरण का क्या अर्थ है ?
जातीय पूर्वाग्रह से तात्पर्य उस मनोवृति से है, जिसमें किसी अल्पसंख्यक समुदाय अथवा जातीयता के आधार पर किसी समुदाय के प्रति ऐसी मनोवृत्ति या विश्वास बना लिया जाता है, जो उस समूह के सदस्यों के लिए प्रतिकूल होता है।
सरल अर्थों में कहें तो जातीय पूर्वाग्रह ऐसी सोच है, जो किसी समुदाय विशेष के प्रति नकारात्मकता का भाव उत्पन्न करती है और उस समुदाय विशेष को स्वयं से अलग मानने के लिए विवश करती है। इस नकारात्मकता का भाव छिपा होता है।
जातीय वर्गाकरण का अर्थ समाज को अलग-अलग जाति-समूह के आधार पर वर्गीकृत कर देना।
भारतीय समाज में जातीय वर्गीकरण वर्णाश्रम के आधार पर किया गया था, जिसमें समाज को चार वर्गों में बांटा गया था : ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं शूद्र।