CBSE BOARD X, asked by archita5617, 4 months ago

(31) अधोदत्तेभ्य :वाक्यस्य स्म' प्रयोगं कृत्वा वाक्यं पुन: लिखत । (1)
वृक्षस्य कोटरे एकः कृष्णसर्य:न्यवसतः ।​

Answers

Answered by niharikagurjar2005
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नीचे कुछ महत्वपूर्ण संस्थानों के नाम और उनके संस्कृत में ध्येय-वाक्य या मोट्टो दिये गये हैं :

संस्थान ध्येय वाक्य हिन्दी अर्थ

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय विद्ययाऽमृतमश्नुते विद्या से अमृत की प्राप्ति होती है।

गुरुकुल कांगडी विश्वविद्यालय हरिद्वार, उत्तराखण्ड ब्रह्मचर्येण तपसा देवा मृत्युमपाघ्नत ब्रहमचर्य के तप से देव लोग मृत्यु को जीत लेते हैं

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम् शरीर ही सभी धर्मों (कर्तव्यों) को पूरा करने का साधन है।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ज्ञान-विज्ञानं विमुक्तये ज्ञान-विज्ञान से विमुक्ति प्राप्त होती है।

आन्ध्र विश्वविद्यालय तेजस्विनावधीतमस्तु हमारा ज्ञान तेजवान बने।

बिड़ला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान, पिलानी ज्ञानं परमं बलम् ज्ञान सबसे बड़ा बल है।

वनस्थली विद्यापीठ सा विद्या या विमुक्तये विद्या मुक्ति का द्वार है।

बंगाल अभियांत्रिकी एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, शिवपुर उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान् निबोधत उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक अपने लक्ष्य तक ना पहुँच जाओ

भारतीय प्रशासनिक कर्मचारी महाविद्यालय, हैदराबाद संगच्छध्वं संवदध्वम् साथ चलो, साथ बोलो

प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, त्रिवेन्द्रम कर्म ज्यायो हि अकर्मण: कर्म, अकर्म की तुलना में श्रेष्ठ है

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर धियो यो नः प्रचोदयात् दैवीय विद्वता हमारे कर्मो को प्रेरित करे

गोविंद बल्लभ पंत अभियांत्रिकी महाविद्यालय (पौड़ी) तमसो मा ज्योतिर्गमय हमें अन्धकार से प्रकाश की ओर ले चलें

गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय आ नो भद्राः क्रतवो यन्तु विश्वतः हमारी तरफ सब ओर से शुभ विचार आएँ।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर योगः कर्मसु कौशलम् परिश्रम, उत्कृष्टता का मार्ग है

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुंबई ज्ञानं परमं ध्येयम् ज्ञान परम ध्येय है।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर तमसो मा ज्योतिर्गमय हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलें

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान चेन्नई सिद्धिर्भवति कर्मजा सफलता का मूलमन्त्र कठिन परिश्रम है

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की श्रमं विना न किमपि साध्यम् कोई उपलब्धि श्रम के बिना असम्भव है

भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद विद्या विनियोगाद्विकासः विद्या-विनियोग से विकास होता है।

भारतीय प्रबंधन संस्थान, बंगलौर तेजस्वि नावधीतमस्तु हमारा ज्ञान तेजवान बनें।

भारतीय प्रबंधन संस्थान, लखनऊ सुप्रबन्धे राष्ट्र समृद्धिः सुप्रबन्ध से राष्ट्र समृद्ध होता है।

भारतीय प्रबंधन संस्थान, कोझीकोड योगः कर्मसु कौशलम् कर्मों में कौशल[1] ही योग है।

भारतीय सांख्यिकी संस्थान भिन्नेष्वेकस्य दर्शनम् अनेकता में एकता का दर्शन।

केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड असतो मा सद्गमय हमें असत्य से सत्य की ओर ले चलें

केन्द्रीय विद्यालय तत् त्वं पूषन् अपावृणु हे ईश्वर, आप उसे अनावृत्त कीजिए (= ज्ञान पर छाए आवरण को हटाइए)।

जवाहर नवोदय विद्यालय प्रज्ञानम ब्रह्म उच्च ज्ञान ही ब्रह्म है।

राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद् (एन॰सी॰ई॰आर॰टी॰) विद्ययाऽमृतमश्नुते विद्या से अमृत की प्राप्ति होती है

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर योगः कर्मसु कौशलम् कर्मों में कौशल[2] ही योग है।

मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद सिद्धिर्भवति कर्मजा सफलता का मूलमन्त्र कठिन परिश्रम है

इंडिया विश्वविद्यालय का राष्ट्रीय विधि विद्यालय धर्मो रक्षति रक्षितः जो धर्म की रक्षा करते हैं, वे धर्म द्वारा रक्षित होते हैं

सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय श्रुतं मे गोपाय (हे भगवान!) मेरे श्रुत (सीखे हुए) की रक्षा करें।

श्री सत्य सांई विश्वविद्यालय सत्यं वद् धर्मं चर सत्य बोलें, धर्म के मार्ग पर चलें

श्री वैंकटेश्वर विश्वविद्यालय ज्ञानं सम्यग् वेक्षणम् सम्यक् वेक्षण ही ज्ञान है।

संत स्टीफन महाविद्यालय, दिल्ली सत्यमेव विजयते नानृतम् सत्य ही सदैव विजयी होता है, असत्य नहीं।

कालीकट विश्वविद्यालय निर्माय कर्मणा श्री कर्म के द्वारा श्री (सम्पत्ति) का निर्माण करके

Answered by gurlal766
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