3231 तुम दीवाली बन कर जग का तम दूर करो,मैं होली बनकर बिछुड़े हृदय मिलाउँगा, कर रहा नृत्य विध्वंस सृजन के थके चरण, संस्कृति की इति हो रही,क्रुद्ध है दुर्वासा। बिक रही द्रोपती नग्न खड़ी चौराहों पर, पढ़ रहा किंतु साहित्य सितारों की भाषा,तुम गाकर दीपक राग जगा दो मुर्दों को,मैं जीवित को जीने का अर्थ बताऊंगा, उपर्युक्त काव्यांश को पढ़कर उत्तर दीजिए- प्रश्न 31 कवि क्या करने को कहता है ? *
2 points
लोगों के दुखों के अंधकार से दूर ले जाना चाहता है।
संसार से डर भगाना चाहता है।
होली खिलवाना चाहता है।
लोगों को खुश करना चाहता है।
32 "दुर्वासा के क्रुद्ध" होने का क्या आशय है?*
2 points
गुस्सा आना
भड़क जाना
संसार की कमियों को देखकर दुर्वासा की तरह गुस्सा करना ।
उपर्युक्त सभी
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33 कवि मुर्दों के लिए दीपक राग गाने की बात क्यों करता है ? *
2 points
उन्हें जगाने के लिए
डरे हुए लोगों के स्वाभिमान को जगाने के लिए ।
दीपक जलाने के लिए
इनमें से कोई नहीं
34 काव्यांश में द्रौपती की चर्चा क्यों की गई है ? *
2 points
सामाजिक अत्याचार की शिकार एवं निरपराध होने पर भी दंड भोगती स्त्री के रूप में ।
महाभारत की याद दिलाने के लिए
नारी की बेबसी उजाकर करने के लिए
समाज की स्थिति जानने के लिए
35 काव्यांश का उचित शीर्षक बताइए- *
2 points
समाज में नारियों की स्थिति
समाज में डरे हुए लोगों में आत्म स्वाभिमान भरना
त्योहारों का महत्त्व
इनमें से कोई नहीं
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I can't understand that
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- holi khilwaa chata hghhjjjjgddteydhdbdb
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