33- मंथरा कौन थी? उसने कैकयी को
भड़काते हुए क्या कहा?
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वाल्मीकि कृत रामायण में मंथरा की बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका बताई गई थी। उसी के कारण प्रभु श्रीराम को 14 वर्ष के लिए वनवास भोगना पड़ा था। मंथरा और रानी कैकेयी केकय देश की थीं। आओ जानते हैं कि आखिर यह मंथरा कौन थीं।
कैकय नरेश अश्वपति सम्राट की पुत्री कैकयी राजा दशरथ की तीसरे नंबर की पत्नी थीं। बहुत ही सुंदर होने के साथ ही वीरांगना भी थी। संभवत: इसीलिए वह राजा दशरथ को प्रिय थी। कहते हैं कि विवाह के समय कैकयी की दासी मंथरा भी उसके साथ आ गई थी।
एक कथा के अनुसार कैकेयी देश के राजा अश्वपति का एक भाई था जिसका नाम वृहदश्व था। उसकी विशाल नैनों वाली एक बेटी थी जिसका नाम रेखा था, वह बचपन से ही कैकेयी की अच्छी सहेली थी। वह राजकन्या थी और बुद्धिमति थी, परंतु बाल्यावस्था में उसे एक बीमारी हुई। इस बीमारी में उसका पूरा शरीर पसीने से तर हो जाता था जिसके कारण उसे बड़ी जोर की प्यास लगती थी। एक दिन प्यास से अत्यंत व्याकुल हो उसने इलायची, मिश्री और चंदन से बनी शरबत को पी लिया। उस शरबत के पीते ही उसके शरीर के सभी अंगों ने काम करना बंद कर दिया। तत्काल ही उसके पिता ने प्रसिद्ध चिकित्सकों से अपनी लाडली बेटी की चिकित्सा करवाई। चिकित्सा से बच तो गई लेकिन उसकी रीढ़ की हड्डी सदा के लिए टेढ़ी हो गई। इस कारण से उसका नाम मंथरा पड़ गया। उसके इस शारीरिक दुर्गुण के कारण वह आजीवन अविवाहित रही। जब कैकेयी का विवाह हो गया तो वह अपने पिता की अनुमति से कैकेयी की अंगरक्षिका बनकर उसके राजमहल में रहने लगी।
Answer:
मंथरा इश्वाकु वंश के राजा दशरथ की रानी कैकयी की दासी थी।उसने कैकयी से कहा कि अगर राम राजा बन गया तो तुम और तुम्हारा पुत्र भरत उसके दास बन जाओगे।
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