33. प्रश्न 5. निम्नलिखित गद्यांश को
ध्यानपूर्वक पढ़िए:-
हम आज देश के लिए करते क्या हैं? मांगे हर क्षेत्र
में बड़ी-बड़ी हैं पर त्याग का कहीं नाम-निशान नहीं
है। अपना स्वार्थ आज एकमात्र लक्ष्य रह गया है।
हम चटखारे लेकर इसके या उसके भ्रष्टाचार की
बातें करते हैं पर क्या कभी हमने जांचा है कि
अपने स्तर पर अपने दायरे में हम उसी भ्रष्टाचार के
अंग तो नहीं बन रहे हैं? काले मेघा दल के दल
उमड़ते हैं, पानी झमाझम बरसता है, पर गगरी
फूटी की फूटी रह जाती है, बैल पियासे के पियासे
रह जाते हैं? आखिर कब बदलेगी यह स्थिति?
निम्नलिखित प्रश्नों में से सर्वाधिक उपयुक्त
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Aakhir kab badle ki yeh sthithi ?
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