35. 'एक भाव में रहकर सुख-दुःख के
चूंट पीने' से कवि का क्या आशय है?
कवि क्या कहना चाहता है ?
सुख दुःख को एक भाव से ग्रहण करना । सुख
दुःख से ऊपर उठकर ही कोई बेफिन हो सकता
है, कवि का यही कहना है ।
सुख में सुखी, दुःख में दुखी होना तथा सुख दुःख
O
के बंधनों में बंधे रहें यही कहना है कवि का ।
O
O
दीवाने मौज मस्ती में नहीं रहते। वे हमेशा
स्वास्थ्य दुःखी रहते हैं।
O उपर्युक्त तीनों सही है।
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