Chemistry, asked by zadyadea2653, 7 months ago

3d श्रेडी के तत्वों का आकार

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Answered by jkanhaiya523
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Answer:

d block के तत्व : वे तत्व जिनमे अंतिम इलेक्ट्रोन d कक्षकों में भरा जाता है , d ब्लॉक के तत्व कहलाते है।

आवर्त सारणी में d-ब्लॉक का स्थान s व p ब्लाक के मध्य है।

इस ब्लॉक के अन्तर्गत 3 से 12 तक वर्ग आते है , इस ब्लाक के तत्वों को संक्रमण तत्व भी कहते है।

संक्रमण तत्व वो तत्व होते है जिनके परमाणु अथवा आयन के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में d उपकोश अपूर्ण हो।

12 वें वर्ग में उपस्थित Zn , Cd , Hg तत्वों को संक्रमण तत्व नहीं माना जाता है , क्यों ?

क्योंकि 12 वें वर्ग में उपस्थित Zn , cd , Hg तत्वों के परमाणु अथवा आयन के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में d उपकोश पूर्ण भरे होते है इसलिए इन्हें संक्रमण तत्व नहीं माना जाता है।

d block की श्रेणियाँ :

इस ब्लॉक में चार श्रेणियां पायी जाती है –

(i) 3d – श्रेणी (प्रथम संक्रमण श्रेणी) Sc(21)-Zn(30)

(ii) 4d-श्रेणी (द्वितीयक सक्रमण श्रेणी) Y(39)-Cd(48)

(iii) 5d – श्रेणी (तृतीयक संक्रमण श्रेणी) La(57)-Hg(88)

(iv) 6d-श्रेणी (चतुर्थ संक्रमण श्रेणी) Ac(89)– Uub(112)

d block के तत्वो का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास :

d ब्लॉक के तत्वों का अंतिम सामान्य इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (n-1)d1-10 ns0-2 होता है।

डी-ब्लॉक के तत्वों के अन्तिम (n-1)d व ns कक्षकों के मध्य ऊर्जा का अंतर बहुत कम होने के कारण कुछ तत्वों में ns कक्षक से इलेक्ट्रॉन कूदकर (n-1)d कक्षकों में संक्रमित कर जाता है। इस कारण d-block के तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में अपवाद पाए जाते है।

d-ब्लॉक के तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास इस प्रकार है –

1. 3d श्रेणी –

ट्रिक

तत्व

इलेक्ट्रॉनिक विन्यास

शक्ति

Sc21

[Ar] 3d1 4s2

Ti22

[Ar] 3d2 4S2

वक्र

V23

[Ar] 3d3 4S2

Cr24

[Ar] 3d5 4S1

Mn25

[Ar] 3d5 4s2

फेकों

Fe26

[Ar] 3d6 4S2

CO27

[Ar] 3d7 4S2

निकुंजन

Ni28

[Ar] 3d8 4s2

Cu29

[Ar] 3d10 4s1

Zn30

[Ar] 3d10 4S2

ला

La57

[Xe] 5d1 6S2

हफ्ता

Hf72

[Xe] 4f14 5d2 6s2

Ta73

[Xe] 4f14 5d3 6s2

वरना

W74

[Xe] 4f14 5d4 6s2

रे

Re75

[Xe] 4f14 5d5 6s2

ओस (में)

Os76

[Xe] 4f14 5d6 6s2

इधर से

Ir77

[Xe] 4f14 5d7 6s2

पिटाई

Pt78

[Xe] 4f14 5d9 6s1

और

Au79

[Xe] 4f14 5d10 6s1

होगी

Hg80

[Xe] 4f14 5d10 6s2

2. 4d श्रेणी :-

ट्रिक (याद करने के लिए)

तत्व

इलेक्ट्रॉनिक विन्यास

ये

Y39

[Kr] 4d1 5s2

जरा

Zr40

[Kr] 4d2 5s2

नवाब

Nb41

[Kr] 4d4 5s1

मोहित

Mo42

[Kr] 4d5 5s1

तू

Tc43

[Kr] 4d6 5s1

रुका

Ru44

[Kr] 4d7 5s1

रह

Rh45

[Kr] 4d8 5s1

पड़ेंगे

Pd46

[Kr] 4d10 5s0

आज

Ag47

[Kr] 4d10 5s1

कोड़े

Cd48

[Kr] 4d10 5s2

6d श्रेणी :-

याद रखने की ट्रिक

तत्व

इलेक्ट्रॉनिक विन्यास

एसी

Ac89

[Rn] 6d1 7S2

रूफ (में)

Rf109

[Rn] 5f14 6d2 7s2

दबकर

Db110

[Rn] 5f14 6d3 7s2

संगीता

Sg111

[Rn] 5f14 6d4 7s2

बहन

Bh112

[Rn] 5f14 6d5 7s2

हस

Hs113

[Rn] 5f14 6d6 7s2

मत

Mt114

[Rn] 5f14 6d7 7s2

दस

Ds115

[Rn] 5f14 6d8 7s2

रोग

Rg116

[Rn] 5f14 6d10 7s1

उपजेंगे

Uub

[Rn] 5f14 6d10 7s2

d ब्लॉक तत्वों के सामान्य गुण

d-block के सभी तत्व धात्विक प्रकृति के होते है तथा यह ऊष्मा व विद्युत के सुचालक होते है।

आवर्त सारणी में d-ब्लॉक में लम्बवत समानता न होकर क्षैतिज समानता होती है।

d-ब्लॉक के तत्व उत्प्रेरकीय गुण दर्शाते है।

यह संकुल यौगिक बनाने की प्रवृति रखते है।

यह अन्तराकाशी यौगिक बनाते है।

डी-ब्लॉक की धातुएँ रंगीन यौगिक बनाती है , इनसे मिश्र धातुओ का निर्माण किया जाता है।

इनमे अनुचुम्बकत्व का गुण पाया जाता है।

यह धातुएं एक से अधिक ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाती है।

यह धातुएँ आघातवर्धनीय , तन्य एवं कठोर होती है।

इनके गलनांक , क्वथनांक उच्च होते है।

प्रथम संक्रमण श्रेणी के तत्वों के गुणों में आवर्तिता

1. परमाण्विक त्रिज्या / आयनिक त्रिज्या : परमाणु / आयन के नाभिक तथा बाह्य कोश में इलेक्ट्रॉन के मध्य की दूरी परमाण्विक त्रिज्या या आयनिक त्रिज्या कहलाती है।

धनायनिक त्रिज्या का मान परमाण्विक त्रिज्या से सदैव कम होता है।

d ब्लाक की प्रथम संक्रमण श्रेणी में बाएं से दायें चलने पर तीसरे से सातवे वर्ग तक परमाण्विक त्रिज्या घटती है , इसके बाद 10 वें वर्ग तक परमाण्विक त्रिज्या लगभग बराबर रहती है।

इसके पश्चात् 11 वें व 12 वें वर्ग में परमाण्विक त्रिज्या में थोड़ी वृद्धि हो जाती है।

क्योंकि बाए से दाए चलने पर तीसरे से सातवें वर्ग तक अयुग्मित d-इलेक्ट्रॉनो की संख्या बढती है। यह d-इलेक्ट्रोन दुर्बल परिरक्षण प्रभाव दर्शाते है अत: 7 वें वर्ग तक परिरक्षण प्रभाव की तुलना में प्रभावी नाभिकीय आवेश बढने से परमाण्विक त्रिज्या घटती है।

7 वें वर्ग के पश्चात् d इलेक्ट्रान का युग्म प्रारम्भ हो जाता है , इस कारण परिरक्षण प्रभाव में वृद्धि होती है जो बढे हुए प्रभावी नाभिकीय आवेश को संतुलित कर देती है।

इस कारण 10 वें वर्ग तक परमाण्विक त्रिज्या लगभग बराबर होती है।

11 वें व 12 वें वर्ग में d उपकोश के सभी इलेक्ट्रोन युग्मित होने से इनका परिरक्षण प्रभाव प्रभावी नाभिकीय आवेश की तुलना में अधिक हो जाता है। इस कारण इन वर्गों में परमाण्विक त्रिज्या का मान बढ़ जाता है।

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Answered by gowthaamps
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Answer:

3d श्रृंखला के आकार तत्व हैं:

एससी, टीआई, वी, सीआर, एमएन, फे, सीओ, नी, क्यू, जेडएन|

  • Sc
  • Ti
  • V
  • Cr
  • Mn
  • Fe
  • Co
  • Ni
  • Cu
  • Zn

Explanation:

"स्कैंडियम" 3 डी श्रृंखला का पहला तत्व है।

3d-श्रृंखला Sc (नंबर 21 पर) से Zn (नंबर 30 पर) तक के तत्वों से मिलकर बनता है

ये तत्व आवर्त सारणी के चौथे आवर्त में स्थित हैं। इन तत्वों के परमाणुओं में, अंतिम इलेक्ट्रॉन 3d-कक्षकों में जाता है, अर्थात, इस श्रृंखला में 3d कक्षक उत्तरोत्तर इलेक्ट्रॉनों से भर जाते हैं जैसे हम Sc से Zn की ओर बढ़ते हैं।

'P' → 3d श्रेणी में सर्वाधिक स्थायी +2 ऑक्सीकरण अवस्था वाला तत्व

डी ब्लॉक तत्वों के कुछ सापेक्ष त्रिज्या Fe ˂ Ni ˂ Cu, Fe ˂ Cu ˂ Au, Fe ˂ Hg Au हैं।

         

#SPJ2

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