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2) गद्य आकलन - प्रश्ननिर्मिती :
निम्नलिखित गद्यांश पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर गद्यांश में
एक-एक वाक्य में हो।
राजा जनक अपने उपवन में टहल रहे थे। उनके मन में अनेक चिंताएँ थी। अनेक
प्रश्न उन्हें घेरे हुए थे, जिनका कोई स्पष्ट उत्तर खोजने में वे ऐसे निमग्न थे कि
उनका जरा भी ध्यान उपवन की शोभा की ओर नहीं था। संध्या होने लगी थी। पक्षी
दिनभर के श्रम से थके अपने बसेरों को लौट रहे थे। कुछ पक्षी पेडों की डालियों पर
बैठे, पंख पसार कर अपनी थकान उतार रहे थे। उनके चहचहाने से पूरा उपवन गूंज
रहा था। राजा जनक के कानों तक कोई आवाज नहीं पहुंच रही थी। धीरे-धीरे अँधेरा
घिरने लगा। राजा जनक अचानक सचेत हुए। आज कितना अंधकार है। कौन-सा
दिन है ? क्या आज अमावस्या है ?
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Answer:
। पक्षी
दिनभर के श्रम से थके अपने बसेरों को लौट रहे थे। कुछ पक्षी पेडों की डालियों पर
बैठे, पंख पसार कर अपनी थकान उतार रहे थे। उनके चहचहाने से पूरा उपवन गूंज
रहा था। राजा जनक के कानों तक कोई आवाज नहीं पहुंच रही थी। धीरे-धीरे अँधेरा
घिरने लगा। राजा जनक अचानक सचेत हुए। आज कितना अंधकार है। कौन-सा
दिन है ? क्या आज अमावस्या है ?
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