Hindi, asked by sahumanvendra345, 6 hours ago

4(अ)जब जनता की भौहे क्रोध में तन जाती हैं, तो क्या-क्या होता है? (ख) जनता की सहनशीलता के कवि दिनकर जी ने क्या-क्या उदाह रण दियत हैं लिखिए।​

Answers

Answered by shishir303
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(अ) जब जनता की भौहे क्रोध में तन जाती हैं, तो क्या-क्या होता है?

➲ जब जनता की भौंहें क्रोध से तन जाती हैं और जनता के सब्र का बांध टूट जाता है, तो भयंकर आंधी आती है और सारा भू-मंडल हिल उठता है। जब जनता क्रोध से आकुल हो जाती है तो वह अपनी भौंहे चढ़ाती हुई आती है और तूफान उठ खड़ा होता है।

(ख) जनता की सहनशीलता के कवि दिनकर जी ने क्या-क्या उदाहरण दिये हैं, लिखिए।​

➲ जनता की सहनशीलता के कवि दिनकर जी ने उदाहरण देकर कहा है कि जनता ने मिट्टी की मूरत की तरह ब्रिटिश राज्य तंत्र में अनेक तरह के अत्याचार सहे हैं, किंतु जनता ने कभी मुंह नहीं खोला। ब्रिटिश शासक उन्हें साँप के समान चूस रहे थे और उस पीड़ा को जनता ने झेला हैष जनता ने विदेशियों के अनेक अत्याचार सहे हैं और बड़ी बड़ी पीड़ा एवं वेदना सही है। अब जनता के सब्र का बांध टूट गया है और वह घर-घरनाद करते हुए शासन व्यवस्था को अपने हाथ में लेने आने वाली है।  

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