(4) (आ) गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ पूर्ण कीजिए: ऐसा जान पड़ता था कि आज नगर से बाहर वन में नया नगर बस जाने को है- वहाँ, जहाँ कनातें लगी थीं, जहाँ चाँदनियाँ तनी थीं, जहाँ कुर्सियों की कतारें सजी थीं । इधर जनता बढ़ रही थी और उद्विग्नता और अधीरता से गानयुद्ध के समय की प्रतीक्षा कर रही थी । बालक को प्रात:काल मिठाई मिलने की आशा दिलाई जाए तो वह रात को कई बार उठ-उठकर देखता है कि अभी सूरज निकला है या नहीं? उसके लिए समय रुक जाता है । उसके हाथ से धीरज छूट जाता है । वह व्याकुल हो जाता है । समय हो गया । लोगों ने आँख उठाकर देखा । अकबर सिंहासन पर था, साथ ही नीचे की तरफ तानसेन बैठा था और सामने फर्श पर नवयुवक बैजू बावरा दिखाई देता था । उसके मुँह पर तेज था, उसकी आँखों में निर्भयता थी अकबर ने घंटी बजाई और तानसेन ने कुछ सवाल संगीतविद्या के संबंध में बैजू बावरा से पूछे । बैजू ने उचित उत्तर दिए और लोगों ने हर्ष से तालियाँ पीट दी । हर मुँह से हो, जय हो', "बलिहारी, बलिहारी' की ध्वनि निकलने लगी । इसके बाद बैजू बावरा ने सितार हाथ में ली और जब उसके पर्दो को हिलाया तो जनता ब्रह्मानंद में लीन हो गई । पेड़ों के पत्ते तक नि:शब्द हो गए । वायु रुक गई । सुनने वाले मंत्रमुग्धवत सुधिहीन हुए सिर हिलाने लगे । बैजू बावरे की अंगुलियाँ सितार पर दौड़ रही थीं । उन तारों पर रागविद्या निछावर हो रही थी और लोगों के मन उछल रहे थे, झूम रहे थे, थिरक रहे थे । ऐसा लगता था कि सारे विश्व की मस्ती वहीं आ गई है। "जय . 2 1) उत्तर लिखिए : बैजू बावरा की अँगुलियाँ सितार पर दौड़ी, तब - (1) (2) (3) (4) 2) निम्मलिखित शब्दों के वचन बदलकर लिखिए : (2) चाँदनियाँ 2 (1) ध्वनि (3) पेड़ों (4) कतारें 3 (इ) निम्मलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर ८० से १०० शब्दों में लिखिए। स विचार को स्पष्ट कीजिए
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1 चांदी
2 ध्वन्य:
3 पेड़
4 कतार
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