Economy, asked by sumisumitkashyap2001, 7 months ago

(4) आंशिक आधारिक पत्र मुद्रा (Fractionally Backed Paper Money): जब नोट जारी करने वाले बैंक के पास
आरक्षित धातुएँ (स्वर्ण आदि) प्रचलित पत्र मुद्रा से कम होती हैं तो इस पत्र मुद्रा को आंशिक आधारिक पत्र मुद्रा कहते है।
आधुनिक समय में जितनी पत्र मुद्रा का प्रचलन हो रहा है वह सभी आशिक आधारिक है। इस स्थिति में करेंसी का प्रचलन
केंद्रीय बैंक द्वारा रखी गई परिसंपत्तियों से अधिक होता है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर द्वारा नोट के ऊपर की
प्रतिज्ञा, जैसे- "मैं धारक को
रुपये अदा करने का वचन देता हूँ" केवल एक परपरा है वास्तविकता नहीं
पत्र मुद्रा वास्तव में परिवर्तनीय नहीं है और न ही आरक्षित स्वर्ण से पूर्णतया आधारिक है।

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Answered by Anonymous
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Answered by bvamtayaru82
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वोस्तिस्य्दब्ध्ल्द य्द्स्योस जग्घ ज्गग्चागग ब्वग्चा ब्वव्वय ब्बब्वह हीच्य्द्ग्ज क्षित्ज़ित्ज़ ह्दोय्ज़्य्ज़्योस फोय्दोद फ्च्ल्ग्क्ष्गोक्ष्गोज़्ल्ग्क्ष ग्क्षोग्क्षोय्दोग्दोग्क्षोग्क्ष फ्क्षोग्ज़ोग्ज़ ओक्ष्ल्ग्क्ष्ग्क्ज़्गोज़्गोद्ग्ग्द्ख्दोग्द्योदोयिय्द्द्योद। ओय्क्ष्क्ग्ज़्क्ग्क्ग्ज़्क्ग्ज़ोग्स दोह्ज़ोग्ज़्ल्ग्ज़्क्ग्ज़ क्षोग्ज़ोत्ज़ ओह्दोय्स्स ह्क्षोय्ज़्सोय्स9य्च्क्षोय्ज़ोय्स द्पूज़ोयोत्ज़ोय्ज़

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