Hindi, asked by tanwarkanishka743, 1 day ago

4. अनुस्वार और अनुनासिक में अंतर उदाहरण
देकर स्पष्ट कीजिए।​

Answers

Answered by Anglepie
2

Answer:

अनुस्वार की परिभाषा

दूसरे शब्दों में - अनुस्वार स्वर के बाद आने वाला व्यञ्जन है। इसकी ध्वनि नाक से निकलती है। हिंदी भाषा की लिपि में अनुस्वार का चिह्न बिंदु (.) के रूप में विभिन्न जगहों पर प्रयोग किया जाता है जैसे - त् + र – त्र, ज् + ञ – ज्ञ बन जाता है इसीलिए अनुस्वार के बाद संयुक्त वर्ण आने पर जिन व्यंजनों से संयुक्त वर्ण बना है, उसका पहला वर्ण जिस वर्ग से जुड़ा है अनुसार उसी वर्ग के पंचम वर्ण के लिए प्रयुक्त होता है। म + अनुस्वार + त्र (त् + र) संयुक्त अक्षर से मिलकर बना है।

Anunasik ki paribhasa

जिस प्रकार अनुनासिक की परिभाषा में बताया गया है कि जिन स्वरों का उच्चारण मुख और नासिका दोनों से किया जाता है, वे अनुनासिक कहलाते हैं और इन्हीं स्वरों को लिखते समय इनके ऊपर अनुनासिक के चिह्न चन्द्रबिन्दु (ँ) का प्रयोग किया जाता है। ... अ, आ, उ, ऊ, तथा ऋ स्वर वाले शब्दों में अनुनासिक लगता है। जैसे - कुआँ, चाँद, अँधेरा आदि।

Answered by Hezal12
10

Answer:

अनुस्वार और अनुनासिक में अंतर :-

अनुस्वार वे व्यंजन होते हैं, जो स्वर के बाद आते हैं। अनुस्वार की ध्वनि नाक से निकलती है। अनुस्सवार पंचम वर्ण अर्थात ङ्, ञ़्, ण्, न्, म्  के जगह पर प्रयुक्त किये जाते हैं। इसमें बिंदु का प्रयोग होता है।

जैसे.. आनंद, प्रारंभ, भयंकर, आशंका, चिंतित आदि।

अनुनासिक वे स्वर होते हैं, जो जिनमें मुँह से अधिक और नाक से कम ध्वनि निकलती है। इसमें चंद्र बिंदु का प्रयोग होता है।

जैसे... पाँच, दाँत, साँप, बाँध, हँस, साँस आदि।

अनुस्वार व अनुनासिक में मुख्य अंतर ये है कि अनुस्वार मूल रूप से व्यंजन है, जबकि अनुनासिक मूल रूप से स्वर है।

अनुस्वार व अनुनासिक के प्रयोग किसी शब्द के अर्थ में पूरी तरह से अंतर आ सकता है।

जैसे अनुस्वार वाला शब्द है, हंस जो एक पक्षी है। इसका अनुस्वार बिंदु हटाकर उसके स्थान पर इसमें अनुनासिक वाला चंद्र बिंदु प्रयोग किया जाये तो ये शब्द बन जाएगा.. हँस

हँस का अर्थ होगा..हँसने यानि मुस्कराने की क्रिया।

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Explanation:

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