4. अणुकता तथा प्रतिक्रिया की कोटि की व्याख्या करें।
Answers
Answer:
क्रियाकारक के अणु – परमाणु या आयन की वह संख्या जो किसी प्राथमिक अभिक्रिया के घटित होने पर परस्पर पर टकराते है।
नोट : यदि किसी अभिक्रिया के घटित होने में एक/ दो /तीन अणु टकराते है तो उस अभिक्रिया को क्रमशः एकाणुक /द्विअणुक /त्रिअणुक अभिक्रिया कहते है।
उदाहरण :
NH4NO2 = N2 + 2H2O (एकाणुक)
2HI = H2 + I2 (द्विअणुक)
2NO + O2 = 2NO (त्रिअणुक)
कोटि तथा आणविकता में अंतर लिखिए :
कोटि आणविकता
1. यह प्रायोगिक मान है। यह सैद्धांतिक मान है।
2. इसका मान शून्य हो सकता है। इसका मान कभी भी शून्य नहीं हो सकता।
3. इसका मान भिन्नाक में हो सकता है। इसका मान पूर्णांक में होता है।
4. प्रयोग द्वारा निर्धारित वेग समीकरण में सांद्रता पदों के घातो का योग कोटि कहलाता है। क्रिया कारको के अणुओं की संख्या जो प्रथम अभिक्रिया के घटित होने पर टकराते है।
5. प्राथमिक व जटिल दोनों अभिक्रिया के लिए यह प्रायोगिक वेग समीकरण से ही ज्ञात की जाती है। जटिल जटिल अभिक्रियाओं के लिए इसका कोई अर्थ नहीं होता।
Explanation:
Mark me brainliest
Answer:
dmckcmvkfkdkxkcvjvkfnfkdjwjsjcjrdjdjxjdjssjxxjfjcjcjajsdjcjccjcj jcjcjcjvvjvjvkvkvkvkckcnccnfndndnxnccnxnxxnxnxnxjxxjxncjcjcncjcjcncjcjfjffjcjcjcjccgkfkckckckgk