Hindi, asked by veerchandyadav01, 4 months ago

4. अर्जुन का मोह कैसे नटर होता है?​

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Answered by neeraj559145
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Explanation:

जब गीता का उपदेश चल रहा उस दौरान पवन पुत्र हनुमान अर्जुन के रथ पर बैठे थे जबकि संजय, धृतराष्ट्र से गीता आख्यान कर रहे थे। धृतराष्ट्र ने पूरी गीता संजय के मुख से सुनी वह वही थी जो कृष्ण उस समय अर्जुन से कह रहे थे। भगवान श्रीकृष्ण की मंशा थी कि धृतराष्ट्र को भी अपने कर्त्तव्य का ज्ञान हो और एक राजा के रूप में वो भारत को आने वाले विनाश से बचा लें। यही नहीं यही वह चार व्यक्ति थे जिन्होंने भगवान श्रीकृष्ण को विश्वरूप के रूप में देखा।

दसवें अध्याय के सातवें श्लोक तक भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी विभूति, योगशक्ति तथा उसे जानने के माहात्म्य का संक्षेप में वर्णन किया है। फिर ग्यारहवें श्लोक तक भक्तियोग तथा उसका फल बताया। अर्जुन ने भगवान की स्तुति करके दिव्य विभूतियों तथा योगशक्ति का विस्तृत वर्णन करने के लिए श्री कृष्ण से प्रार्थना की। अपनी दिव्य विभूतियों के बारे में बताने के बाद आखिर में श्री कृष्ण ने योगशक्ति का प्रभाव बताया और समस्त ब्रह्मांड को अपने एक अंश से धारण किया हुआ बताकर अध्याय समाप्त किया। यह सुनकर अर्जुन के मन में उस महान स्वरूप को प्रत्यक्ष देखने की इच्छा हुई. तब ग्यारहवें अध्याय के आरम्भ में भगवान श्री कृष्ण ने विश्वरूप के दर्शन के रूप में अपने को प्रत्यक्ष किया।

Answered by amolpawar55
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Answer:

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