4)arth ki hashti se vakya ke bhaed bataiye
i) mujhe devi ke prasad ka phool hi do laakar
ii)kaise ye achhoot bhitar aaya?
Answers
Answer:
पापी ने मंदिर में घुसकर
किया अनर्थ बड़ा भारी;
कलुषित कर दी है मंदिर की
चिरकालिक शुचिता सारी।“
ऐं, क्या मेरा कलुष बड़ा है
देवी की गरिमा से भी;
किसी बात में हूँ मैं आगे
माता की महिमा के भी?
किसी ने कहा कि उस पापी ने मंदिर में घुसकर बड़ा भारी अनर्थ कर दिया और मंदिर को अशुद्ध कर दिया। सुखिया के पिता ने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता था कि माता की महिमा के आगे उसकी कलुषता अधिक भारी हो।
माँ के भक्त हुए तुम कैसे,
करके यह विचार खोटा?
माँ के सम्मुख ही माँ का तुम
गौरव करते हो छोटा।
कुछ न सुना भक्तों ने, झट से
मुझे घेरकर पकड़ लिया;
मार मारकर मुक्के घूँसे
धम्म से नीचे गिरा दिया।
सुखिया के पिता ने आगे कहा कि यदि वे लोग उसकी अशुद्धता को माता की महिमा से भी ऊँचा मानते हैं तो वे माता को नीचा दिखा रहे हैं। लेकिन उसकी बातों का किसी पर कोई असर नहीं हुआ। लोगों ने उसे घेर लिया और उसपर घूँसों और लातों की बरसात होने लगी।