Hindi, asked by preetususheel, 5 months ago


4. अधिकरणकारक व संबंधकारक में क्या अंतर है? उदाहरण दीजिए।
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Answers

Answered by sujalchand2211
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- अधिकरण कारक की परिभाषा :

अधिकरण का अर्थ होता है – आश्रय। संज्ञा का वह रूप जिससे क्रिया के आधार का बोध हो उसे अधिकरण कारक कहते हैं।

- अधिकरण कारक के विभक्ति चिन्ह :

इसकी विभक्ति में और पर होती है। भीतर, अंदर, ऊपर, बीच आदि शब्दों का प्रयोग इस कारक में किया जाता है।

- अधिकरण कारक के उदहारण :

जब मैं घर में गया तो कोई भी नहीं था।

- संबंध कारक की परिभाषा :

संज्ञा या सर्वनाम का वह रूप जो हमें किन्हीं दो वस्तुओं के बीच संबंध का बोध कराता है, वह संबंध कारक कहलाता है।

- सम्बन्ध कारक के विभक्ति चिन्ह :

का, के, की, ना, ने, नो, रा, रे, री आदि हैं।

- संबंध कारक के कुछ उदाहरण :

यह साहिल का स्कूटर है।

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