Hindi, asked by ajyantjaiswal3, 2 months ago

4 भव धातु लृटलकारे त्रयं वचनं लिखत।​

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Answered by vedikaparab14
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Answer:

भू/भव् धातु रूप: ‘भू’ धातु की रूपावलि दस लकारों में दी जाती है। ‘भू’ धातु का अर्थ है ‘होना’। लकारों के भेद के कारण इसके रूप और अर्थ (काल-बोध कराने की दृष्टि से) बदलते जाएँगे- 1. लट्-भवति (होता है), 2. लुङ्-अभूत् (हुआ), 3. लङ्-अभवत् (आज के पहले हुआ), 4. लिट्-बभूव (बहुत पहले हुआ), 5. लुट्-भविष्यति (होगा), 6. लुट् भविता (आज के बाद होगा), 7. लुङ्-अभविष्यत् (यदि होगा), 8. लोट-भवतु (होओ, होइए), 9. विधिलिङ्-भवेत् (हो, हों, होवे), 10. आशीर्लिङ्-भूयात् (हुआ करे)।

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