(4) इंद्र जिम जंभ पर, बाड़व ज्यौं अंभ पर,
रावन सदंभ पर रघुकुलराज है।
पौन वारिवाह पर, संमुतिनाह पर,
ज्यों सहस्रबाहु पर राम द्विजराज है।
दावा दुमदंड पर चीता मृगझुंड पर,
भूषन वितुंड पर जैसे मृगराज है।
तेज तम अंस पर, कान्ह जिमि कंस पर
यौं मलेच्छ-बंस पर, सेर सिवराज है।
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this is from chapter Bhushan.
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