(4) 'ज्ञान तथा आनंद प्राप्ति का साधन वाचन' विषय पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
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Gyan Gyan tatha anek prakar ka hota hai vishay per apna vichar likhiye 25 se shabdon mein likhiye vaigyanik Mathur na vishay hai Gyan agar Na Ho to
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कहते हैं, पुस्तक मनुष्य का सबसे बड़ा मित्र होती है। पुस्तकों में ज्ञान भरी बातें होती हैं। किताबों में संचित ज्ञान हमारे लिए सहायक होता है। विभिन्न विचारकों, लेखकों तथा महान व्यक्तियों के विचार पुस्तकों में ही संग्रहित होते हैं। हमारे यहाँ साहित्य, तकनीक, विज्ञान, धर्म, राजनीति आदि सभी विषयों से संबंधित पुस्तकें उपलभ्य हैं। आवश्यकता है इन्हें पढ़ने में रुचि रखने की। पुस्तकें पढ़ने से ज्ञान प्राप्ति के साथ-साथ अद्भुत आनंद की प्राप्ति होती है। कोई भी मनुष्य हर दृष्टि से परिपूर्ण नहीं होता। मनुष्य बहुत सारी बातें देख-सुन और पढ़कर सीखता है। विद्यार्थी पाठ्यपुस्तकों से ज्ञानार्जन करता है। बड़े होने पर इन पुस्तकों से उसका काम नहीं चलता। उसे ज्ञानार्जन के लिए और खुराक की आवश्यकता होती है। वह अपने पसंद वाले विषयों की पुस्तकें पढ़ता है। आई.सी.एस., आई.पी.एस. तथा आई.ए.एस. जैसी बड़ी-बड़ी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए भी वाचन की आवश्यकता होती है। पुस्तकों में क्या नहीं है? इसमें जो जितने गोते लगाता है, उसे उतना ही ज्ञान प्राप्त होता है।