Hindi, asked by sayyadAdil, 3 months ago

4
जब बहादुर
बहादुर और किशोर के व्यवहार में अंतर के
निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए कि
(क) उसकी हँसी बड़ी कोमल और मीठी थी
355 हों।
हों। काशीना शिक्षक किती
मा (ख) उन पहाड़ी गानों का अर्थ हम समझ
सारे घर में फैल जाती, जैसे कोई
yo | टी बिछुड़े हुए साथी को बुला रहा हो।
6. बहादुर के व्यक्तित्व पर टिप्पणी कीजिए।​

Answers

Answered by preetamhiremath
0

Answer:

सहसा मैं काफी गम्भीर था, जैसा कि उस व्यक्ति को हो जाना चाहिए, जिस पर एक भारी दायित्व आ गया हो. वह सामने खड़ा था और आंखों को बुरी तरह मटका रहा

था. बारह-तेरह वर्ष की उम्र. ठिगना शरीर, गोरा रंग और चपटा मुंह. वह सफेद नेकर, आधी बांह की ही सफेद कमीज और भूरे रंग का पुराना जूता पहने था. उसके गले में स्काउटों की तरह एक रूमाल बंधा था. उसको घेरकर परिवार के अन्य लोग खड़े थे. निर्मला चमकती दृष्टि से कभी लड़के को देखती और कभी मुझको और अपने भाई को. निश्चय ही वह पंच बराबर हो गयी थी.

उसको लेकर मेरे साले साहब आये थे. नौकर रखना कई कारणों से बहुत ज़रूरी हो गया था. मेरे सभी भाई और रिश्तेदार अच्छे ओहदों पर थे और उन सभी के यहां नौकर थे. मैं जब बहन की शादी में घर गया तो वहां नौकरों का सुख देखा. मेरी दोनों भाभियां रानी की तरह बैठकर चारपाइयां तोड़ती थीं, जबकि निर्मला को सबेरे से लेकर रात तक खटना पड़ता था. मैं ईर्ष्या से जल गया. इसके बाद नौकरी पर वापस आया तो निर्मला दोनों जून ‘नौकर-चाकर’ की माला जपने लगी. उसकी तरह अभागिन और दुखिया त्री और भी कोई इस दुनिया में होगी? वे लोग दूसरे होते हैं, जिनके भाग्य में नौकर का सुख होता है…

पहले साले साहब से असाधारण विस्तार से उसका किस्सा सुनना पड़ा. वह एक नेपाली था, जिसका गांव नेपाल और बिहार की सीमा पर था. उसका बाप युद्ध में मारा गया था और उसकी मां सारे परिवार का भरण-पोषण करती थी. मां उसकी बड़ी गुस्सैल थी और उसको बहुत मारती थी. मां चाहती थी कि लड़का घर के काम-धाम में हाथ बटाये, जब कि वह पहाड़ या जंगलों में निकल जाता और पेड़ों पर चढ़कर चिड़ियों के घोंसलों में हाथ डालकर उनके बच्चे पकड़ता या फल तोड़-तोड़कर खाता. कभी-कभी वह पशुओं को चराने के लिए ले जाता था. उसने एक बार उस भैंस को बहुत मारा, जिसको उसकी मां बहुत प्यार करती थी, और इसीलिए उससे वह बहुत चिढ़ता था. मार खाकर भैंस भागी-भागी उसकी मां के पास चली गयी, जो कुछ दूरी पर एक खेत में काम कर रही थी. मां का माथा ठनका. बेचारा बेजबान जानवर चरना छोड़कर यहां क्यों आयेगा? ज़रूर लौंडे ने उसको काफी मारा है. वह गुस्से-से पागल हो गयी. जब लड़का आया तो मां ने भैंस की मार का काल्पनिक अनुमान करके एक डंडे से उसकी दुगुनी पिटाई की और उसको वहीं कराहता हुआ छोड़कर घर लौट आयी. लड़के का मन मां से फट गया और वह रात भर जंगल में छिपा रहा. जब सबेरा होने को आया तो वह घर पहुंचा और किसी तरह अंदर चोरी-चुपके घुस गया. फिर उसने घी की हंडिया में हाथ डाल कर मां के रखे रुपयों में से दो रुपये निकाल लिये. अंत में नौ-दो ग्यारह हो गया. वहां से छह मील की दूरी पर बस स्टेशन था, जहां गोरखपुर जाने वाली बस मिलती थी.

Similar questions