History, asked by ap0151725ashish, 1 month ago

4. जहाँगीर के अधीन मुगल चित्रकला का विवरण दीजिए
Give an account of "Mughal Painting" under the Jahang​

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Answered by anucoolshrivastava
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Answer:

मुगल सम्राट जहाँगीर के समय में चित्रकारी अपने चरमोत्कर्ष पर थी। उसने ‘हेरात’ के ‘आगारज़ा’ नेतृत्त्व में आगरा में एक ‘चित्रशाला’ की स्थापना की।

जहाँगीर ने हस्तलिखित ग्रंथों के विषयवस्तु को चित्रकारी करने की पद्धति को समाप्त किया और इसके स्थान पर छवि चित्रों,प्राकृतिक दृश्यों की पद्धति को अपनाया।

जहाँगीर के समय के प्रमुख चित्रकारों में ‘फारुख बेग’, ‘दौलत’, ‘मनोहर’, ‘बिसनदास’, ‘मंसूर’ एवं अबुल हसन थे। ‘फारुख बेग’ ने बीजापुर के शासक सुल्तान ‘आदिल शाह’ का चित्र बनाया था।

जहाँगीर चित्रकला का बड़ा कुशल पारखी था। जहाँगीर के समय को ‘चित्रकला का स्वर्ण काल’ कहा जाता है।

मुगल शैली में मनुष्य को चित्र बनाते समय एक ही चित्र में विभिन्न चित्रकारों द्वारा मुख, शरीर तथा पैरों को चित्रित करने का रिवाज था। जहाँगीर का दावा था कि वह किसी चित्र में विभिन्न चित्रकारों के अलग-अलग योगदान को पहचान सकता है।

शिकार, युद्ध और राज दरबार के दृश्यों को चित्रित करने के अलावा जहाँगीर के काल में मनुष्यों तथा जानवरों में चित्र बनाने की कला में विशेष प्रगति हुई। इस क्षेत्र में ‘मंसूर’ का नाम प्रसिद्ध था। मनुष्यों के चित्र बनाने का भी प्रचलन था।

जहाँगीर के निर्देश पर चित्रकार चित्रकार ‘दौलत’ ने अपने साथ चित्रकार ‘बिसनदास’, ‘गोवर्धन’ एवं ‘अबुल हसन’ के चित्र एवं स्वयं अपना एक छवि चित्र बनवाया।

सम्राट जहाँगीर ने अपने समय के अग्रणी चित्रकार बिसनदास को फारस के शाह, उसके अमीरों के तथा उसके परिजनों के यथारूप छवि- चित्र बनाकर लाने के लिए फारस भेजा था। जहाँगीर के विश्वसनीय चित्रकार ‘मनोहर’ ने उस समय में कई छवि चित्रों का निर्माण किया।

जहाँगीर के समय में चित्रकारों ने सम्राट के दरबार, हाथी पर बैठकर धनुष-बाण के साथ शिकार का पीछा करना, जुलूस, युद्ध स्थल एवं प्राकृतिक दृश्य, फूल, पौधे, पशु-पक्षी, घोड़े, शेर, चीता आदि चित्रों को अपना विषय बनाया।

जहाँगीर के समय भी चित्रकारी के क्षेत्र में घटी महत्त्वपूर्ण घटना थी-  मुगल  चित्रकला की फारसी प्रभाव से मुक्ति। पर्सी ब्राउन के अनुसार, जहाँगीर के समय मुगल चित्रकला की वास्तविक आत्मा लुप्त हो गई। इस समय चित्रकला में भारतीय पद्धति का विकास हुआ। यूरोपीय प्रभाव जो अकबर के समय से चित्रकला प्रारंभ हुआ था वह अभी भी जारी रहा।

अबुल हसन ने ‘तुजुके जहाँगीर’ में मुख्य पृष्ठ के लिए चित्र बनाया था। ‘उस्ताद मंसूर’ एवं अबुल हसन जहाँगीर के श्रेष्ठ कलाकारों में से थे। उन्हें बादशाह ने क्रमशः ‘नादिर-उल-अस्र’ एवं ‘नादिरुज्जमा’’ की उपाधि प्रदान की थी।

उस्ताद मंसूर दुर्लभ पशुओं, विरले पक्षियों एवं अनोखे पुष्पों आदि के चित्रों को बनाने के चित्रकार थे। उसकी महत्त्वपूर्ण कृति में ‘साइबेरियन सारस’ एवं बंगाल का एक पुष्प है। उस्ताद मंसूर पक्षी चित्र विशेषज्ञ तथा अबुल हसन व्यक्ति चित्र विशेषज्ञ था। यूरोपीय प्रभाव वाले चित्रकारों में ‘मिश्किन’ सर्वश्रेष्ठ था।

इस काल में एक छोटे आकार के चित्र बनाने की परंपरा शुरू हुई जिसे पगड़ी पर लगाया जा सके या गले में पहना जा सके। छवि चित्रों के प्रचलन के साथ-साथ चित्रकला में मुरक्कें शैली (एलबम) तथा अलंकृत हशियें का विकास हुआ।

ईरान के शाह अब्बास का स्वागत करते जहाँगीर, दर्जिन मेरी का चित्र पकड़े हुए जहाँगीर, मलिक अंबर के कटे सिर को लात मारते हुए जहाँगीर, आदि जहाँगीर कालीन प्रमुख चित्र थे।

मुग़ल शैली के चित्रों के विषय- दरबारी शानो-शौकत, बादशाह की  रुचियाँ आदि रहे।

प्रकृति के घनिष्ठ अवलोकन और उत्तम तथा कोमल आरेखण पर आधारित सुरम्य प्रकृतिवाद मुगल शैली की एक विशेषता है।

निष्कर्ष

अतः हम कह सकते हैं कि चित्रकारी के क्षेत्र में मुगलों ने विशिष्ट योगदान दिया। उन्होंने चित्रकारी की ऐसी जीवंत परंपरा का सूत्रपात किया जो मुगलों के अवसान के बाद भी दीर्घकाल तक देश के विभिन्न भागों में कायम रही।

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Answered by jassisinghiq
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Question:

जहाँगीर के काल में मुगल चित्रकला का विवरण दीजिए।

Answer:

जहाँगीर के अधीन मुगल चित्रकला चरमोत्कर्ष पर थी। जहांगीर ललित कलाओं में से सबसे अधिक रुचि चित्रकला में रखता था,वह स्वयं चित्रकला का परखी था।

Explanation:

जहांगीर के काल में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया जाता था।और इनके काल में प्राकृतिक दृश्यों, पशु पक्षीयो का तथा आखेट का चित्रण किया जाता था, इनके काल में यह चित्रांकन सजीव होगा था। इस क्षेत्र में उस्ताद मंसूर,उस्ताद मुराद और मनोहर सबसे विख्यात थे। जहंगीर के काल में अधिक मात्रा में व्यक्ति चित्रण का निर्माण किया जाता था, इस चित्रण में बिशनदास विख्यात था। इनके काल में चित्रों के विषयो में ईसाई विषय पर भी चित्र बनाए जाते थे। जहांगीर के शासनकाल को चित्रकला में मुगल काल का स्वर्ण युग कहते है।

जहांगीर के काल में चित्रकारों के नाम:- उस्ताद मंसूर , उस्ताद मुराद, अबुल हसन, तुलसी , बिशनदास, मनोहर, गोवर्धन और सालहीवन थे।

अतः सही उत्तर है, जहाँगीर के अधीन मुगल चित्रकला चरमोत्कर्ष पर थी।

#SPJ2

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