Hindi, asked by gopaldas6377, 1 month ago


4. केवल पढ़ने के लिए दी गई रामदरश मिश्र की कविता 'चिट्ठियाँ'
ध्यानपूर्वक पढ़िए और विचार कीजिए कि क्या यह कविता केवल ले
बॉक्स में पड़ी निर्धारित पते पर जाने के लिए तैयार चिट्ठियों के बारे में है
या रेल के डिब्बे में बैठी सवारी भी उन्हीं चिट्ठियों की तरह हैं जिनके पार
उनके गंतव्य तक का टिकट है। पत्र के पते की तरह और क्या विद्याल.
भी एक लेटर बाक्स की भाँति नहीं है जहाँ से उत्तीर्ण होकर विद्यार्थी अनेक
क्षेत्रों में चले जाते हैं? अपनी कल्पना को पंख लगाइए और मुक्त मन
इस विषय में विचार-विमर्श कीजिए।​

Answers

Answered by yashwantbora
4

Answer:

रामदरश मिश्र जी' ने अपनी कविता 'चिट्ठियाँ' में यह बताना चाहा है कि लेटरबॉक्स में अनेक चिट्ठियाँ होती हैं कोई दुख की कोई सुख की लेकिन सभी अपने-अपने लिफाफों में बंद होती हैं। कोई अपना सुख-दुख दूसरे को नहीं कहती। सभी अपनी मंजिल पाना चाहती हैं अर्थात् अपने पते पर जाना चाहती हैं।

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