4 कर्मधारय दविगु व बहुवीरहि समास के विग्रह सहित दस-दस उदाहरण लिखिए।
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कर्मधारय समास के उदाहरण
नीलगगन = नीला है जो गगन
चन्द्रमुख = चन्द्र जैसा मुख
पीताम्बर = पीत है जो अम्बर
महात्मा = महान है जो आत्मा
लालमणि = लाल है जो मणि
महादेव = महान है जो देव
देहलता = देह रूपी लता
नवयुवक = नव है जो युवक
अधमरा = आधा है जो मरा
प्राणप्रिय = प्राणों से प्रिय
श्यामसुंदर = श्याम जो सुंदर है
नीलकंठ = नीला है जो कंठ
महापुरुष = महान है जो पुरुष
नरसिंह = नर में सिंह के समान
कनकलता = कनक की सी लता
बहुव्रीहि समास के उदाहरण
त्रिनेत्र = तीन नेत्र हैं जिसके (शिव)
नीलकंठ = नीला है कंठ जिसका (शिव)
लम्बोदर = लम्बा है उदर जिसका (गणेश)
दशानन = दश हैं आनन जिसके (रावण)
चतुर्भुज = चार भुजाओं वाला (विष्णु)
पीताम्बर = पीले हैं वस्त्र जिसके (कृष्ण)
चक्रधर= चक्र को धारण करने वाला (विष्णु)
वीणापाणी = वीणा है जिसके हाथ में (सरस्वती)
स्वेताम्बर = सफेद वस्त्रों वाली (सरस्वती)
सुलोचना = सुंदर हैं लोचन जिसके (मेघनाद की पत्नी)
दुरात्मा = बुरी आत्मा वाला (दुष्ट)
घनश्याम = घन के समान है जो (श्री कृष्ण)
मृत्युंजय = मृत्यु को जीतने वाला (शिव)
निशाचर = निशा में विचरण करने वाला (राक्षस)
गिरिधर = गिरी को धारण करने वाला (कृष्ण)
पंकज = पंक में जो पैदा हुआ (कमल)
त्रिलोचन = तीन है लोचन जिसके (शिव)
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