4.लिखो इन व्यक्तियों के बारे में एक-दो वाक्य लिखो 1. मुंशी इंद्रजीत 2. स्वामी सोमदेव 3. भाई परमानंद 4. आईनुद्दीन
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Explanation:
स्वामी सोमदेव () आर्य समाज के एक विद्वान धर्मोपदेशक थे। किशोरावस्था में स्वामी सोमदेव की सत्संगति पाकर बालक रामप्रसाद आगे चलकर 'बिस्मिल' जैसा बेजोड़ क्रान्तिकारी बन सका। रामप्रसाद बिस्मिल ने अपनी आत्मकथा में मेरे गुरुदेव शीर्षक से उनकी संक्षिप्त किन्तु सारगर्भित जीवनी लिखी है।
स्वामी सोमदेव
जन्म
ब्रजलाल चोपड़ा
लाहौर (वर्तमान पाकिस्तान में)
मृत्यु का कारण
सामान्य
राष्ट्रीयता
भारतीय
व्यवसाय
आर्य समाज, योगी, लेखक
प्रसिद्धि कारण
राम प्रसाद 'बिस्मिल' के गुरु
धार्मिक मान्यता
हिन्दू
ब्रिटिश राज के दौरान पंजाब प्रान्त के लाहौर शहर में जन्मे सोमदेव का वास्तविक नाम ब्रजलाल चोपड़ा था। सन १९१५ में जिन दिनों वे स्वास्थ्य लाभ के लिये आर्य समाज शाहजहाँपुर आये थे उन्हीं दिनों समाज की ओर से राम प्रसाद 'बिस्मिल' को उनकी सेवा-सुश्रूषा में नियुक्त किया गया था।
सोमदेव जी उच्चकोटि के वक्ता तो थे ही, बहुत अच्छे लेखक भी थे। उनके लिखे हुए कुछ लेख तथा पुस्तकें उनके ही एक भक्त के पास थीं जो उसकी लापरवाही से नष्ट हो गयीं। उनके कुछ लेख प्रकाशित भी हुए थे। लगभग 57 वर्ष की आयु में उनका निधन हुआ।
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