4. मेहनत की लूट का तात्पर्य है- (अ) लूट लेना (ब) मेहनत करते हुए लूटना (द) लुट जाना (स) श्रमिक का शोषण होना
Answers
HELLO DEAR,
GIVEN:-
4. मेहनत की लूट का तात्पर्य है-
(अ) लूट लेना
(ब) मेहनत करते हुए लूटना
(द) लुट जाना
(स) श्रमिक का शोषण होना
ANSWER:- सही जवाब है (ब) मेहनत करते हुए लूटना ।
कवि के अनुसार,
"मेहनत की लूट सबसे ख़तरनाक नहीं होती
पुलिस की मार सबसे ख़तरनाक नहीं होती
गद्दारी, लोभ की मुट्ठी
सबसे खतरनाक नहीं होती
बैठे-बिठाए पकड़े जाना बुरा तो है
समिति चौकी में जकड़े जाना बुरा तो है
बर सबसे खतरनाक नहीं होती
सबसे खतरनाक होता है
मुर्दा शांति से भर जाना
ना होना तड़प का
सब कुछ सहन कर जाना
घर से निकलना काम पर
और काम से लौटकर घर आना
सबसे खतरनाक होता है
हमारे सपनों का मर जाना"
कवी उपायुक्त पंक्तियों से हमें यह बताना चाहता है कि हमारे जीवन में किसी प्रकार से शोषण किए जाना उतना खतरनाक नहीं है जितना चाहिए हमारे आंतरिक आत्मा का खोजाना, ऐसे जीवन व्यतीत करना जैसे कि अंदर कोई भावना ही ना हो, अपनी रोजमर्रा के कामों में इतना व्यस्त हो जाना कि अपने आप को ही भूल जाना, कवि के अनुसार इन चीजों को सबसे खतरनाक बताया है।
THANKS.
सही उत्तर है...
➲ (स) श्रमिक का शोषण होना
⏩ मेहनत की लूट का तात्पर्य है, श्रमिक का शोषण होना।
‘सबसे खतरनाक’ कविता में कवि का कहना है कि मेहनत की लूट का तात्पर्य है, श्रमिक का शोषण होना। कवि कहता है कि मेहनत की लूट इतनी खतरनाक नहीं है, अर्थात श्रमिक का शोषण होना उतना खतरनाक नहीं है, क्योंकि मेहनत करने वाले व्यक्ति को कभी ना कभी अपनी मेहनत का मूल्य मिल ही जाता है। कवि की अनुसार मेहनत की लूट से ज्यादा खतरनाक कई अन्य बातें हैं, जो समाज में विद्यमान हैं।
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