Hindi, asked by ruchika2685, 5 months ago

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मोको कहाँ ढूँढ़े बंदे, मैं तो तेरे पास में।
ना मैं देवल ना मैं मस्जिद, ना काबै कैलास में।
ना तो कौनों क्रिया करम में नाहिं जोग बैराग में।
खोजी होय तो तुरतहि मिलिहौं, पलभर की तालास में।
कहै कबीर सुनो भई साधो, सब साँसों की साँस में।।
-कबीरदास​

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Answered by Mdshahab
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Answer:

भाई इसमें सवाल कहा है।

या इसको एक्सप्लेन करवाना चाह ते हो

तो इस दोहे में कबीर केहना चाहते है कि

ईश्वर को डोंढ़ ने कि कोइ जरुरत नहीं है वोह हमारी संसो में बसा है

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