Music, asked by soravsharma513, 10 months ago


4. म्यांमार (बर्मा) में किनके नेतृत्व में अभी भी लोकतंत्र के लिए संघर्ष जारी है?​

Answers

Answered by Anonymous
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एक समय में म्यांमार में आंग सान सू ची लोकतंत्र की सबसे बड़ी उम्मीद थीं. लंबे संघर्ष के बाद उन्हें देश की कमान मिली. लेकिन अब कहा जा रहा है कि सत्ता मिलते ही वह 30 साल पहले शुरू हुई क्रांति को भूल गई हैं.

म्यामांर को सेना की तानाशाही से छुड़ाने का वादा करने वाली आंग सान सू ची की लड़ाई 1988 में शुरू हुई. जिमी के नेतृत्व में हजारों छात्रों और कार्यकर्ताओं ने ठीक तीस साल पहले तत्कालीन राजधानी यांगून में रैली निकाली और लोकतंत्र की स्थापना की मांग की. वे 1962 से सत्ता पर काबिज सेना को हटाना चाहते थे. लेकिन सेना के दमन के आगे उनका संघर्ष जीत नहीं पाया और अगले 22 वर्षों तक म्यांमार में सेना का ही वर्चस्व रहा. 30 वर्ष बीत जाने के बाद सू ची अब देश की काउंसलर तो बन गईं, लेकिन देश के हालात नहीं बदले. लोगों में उनके खिलाफ गुस्सा है.

हालात यह है कि 1988 में सेना के खिलाफ संघर्ष में राजनीतिक दल बनाने वाले कार्यकर्ता अब आंग सान सू ची की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) के खिलाफ दल बना रहे हैं.

रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर दबाव में सू ची

1988 के संघर्षकाल की साक्षी और छात्र आंदोलन के नेता जिमी की साथी मिंट आंग 2020 के चुनाव में एनएलडी को चुनौती देंगी.

आंग का कहना है, ''हमने 2012 और 2015 में एनएलडी को इसलिए समर्थन दिया क्योंकि हमें लोकतंत्र के स्थापित होने की उम्मीद थी. लेकिन अब लोकतंत्र खतरे में दिख रहा है<html><head><bodybgcolor="white"><font size="4" color="blue"><b> .</html></head></body></font></b>

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Answered by roshni18shaikh
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Answer:Plz ask your this question in English l can't understand it.

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