Hindi, asked by rr9491931, 5 months ago

4. मनुष्य के व्यवहार में ही दूसरों को विरोधी बना लेने वाले दोष होता है। किस
भावार्य व्यक्त होता है?
दया करै सब कोय।।5।​

Answers

Answered by Iniyank28
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Answer: मनुष्य के व्यवहार में ही दूसरों को विरोधी बना लेने वाले दोष होते हैं यह बात कबीर की निम्नलिखित साखी से स्पष्ट होती है-

आवत गारी एक है , उलटत होइ अनेक।

कह कबीर नहिं उलटिए , वही एक की एक।।

इस साखी में कवि ने लोगों को सामाजिक मानदंडों से अवगत करवा कर उन्हें सचेत करने का प्रयत्न किया है।

आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।‌।

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