4. निजी एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं की तुलना भारत के संदर्भ में कीजिए।
5. क्या सभी को पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हैं? व्याख्या करें।
plz answer fast
Answers
Answer:
HERE IS YOUR ANSWER
Explanation:
4. सन्दर्भ
हमारे देश में स्वास्थ्य सेवाएँ अत्यधिक महँगी हैं जो गरीबों की पहुँच से काफी दूर हो गई हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा, भोजन व आवास जीवन की मूलभूत आवश्यकताएँ हैं। गौरतलब है कि हमारे संविधान में इस बात का प्रावधान होते हुए भी कि नागरिकों को स्वास्थ्य व शिक्षा प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है, हम एक राष्ट्र के रूप में इस लक्ष्य की प्राप्ति में असफल रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं का निजीकरण जारी है जिससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
5.
भारत के अनेक अस्पताल और डॉक्टर गुणवत्तायुक्त इलाज मुहैया कराने के लिए विदेशों में भी प्रसिद्धि हासिल कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद भारत में अब भी स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याएं मौजूद हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य अन्वेषण ब्यूरो के 2016 के आंकड़े बताते हैं कि भारत में जीवन प्रत्याशा दुगनी हुई है। शिशु मृत्यु दर महत्वपूर्ण रूप से घटी है। स्मॉल पॉक्स, पोलियो और कुष्ठ रोग लगभग जड़ से खत्म हो गए हैं। मगर भारत की जनता कुपोषण, स्वच्छता और संक्रामक रोगों से अब भी जूझ रही है। पर्यावरण प्रदूषण और जीवन शैली, शराब का सेवन, धूम्रपान, उच्च वसायुक्त खानपान तथा गतिहीन जीवन के कारण देश में मधुमेह, हृदय संबंधी दिक्कतों एवं कैंसर जैसी बीमारियों की दर बढ़ी है। कई सामान्य सी लगने वाली बीमारियां भी महामारी का रूप धारण कर ले रही हैं या व्यापक स्तर पर भारतीय आबादी को प्रभावित कर रही हैं।
भारत को आजाद हुए लगभग 70 वर्ष हो गए परंतु आज भी चिकित्सा के क्षेत्र में पार्यप्त सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। भारत में अब तक तीसरी दुनिया की कही जाने वाली अनेक बीमारियां व्याप्त हैं, जो काफी पहले ही विकसित देशों से विलुप्त हो चुकी हैं। भारतीय आबादी का बड़ा हिस्सा बीमारियों से जूझता है और अस्पतालों में लंबी कतारों के साथ सुविधाओं का अभाव है। जहां अनेक परीक्षण उपकरण पुराने पड़ गए हैं। अपने देश में अस्पतालों और डॉक्टरों की उपलब्धता जनसंख्या के घनत्व के हिसाब से कम है और सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं, आधारभूत संरचना, चिकित्सकों, कमरों, दवाइयों, कुशल व प्रशिक्षित नर्सिग स्टाफ एवं अन्य सुविधाओं की कमी है।
PLS MARK AS BRAINLIEST
THANK YOU...