4. निम्न अवतरण को पढ़कर उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए:-
सुख जाती मलिन लतिका जो घरा में पडी हो।
तो पाँवों के निकट उसको श्याम केला गिराना।
यों सीधे से प्रकट करना प्रीति से वंचिता हो।
मेरा होना अति मलिन और सूखते नित्य जाना।
कोई पत्ता नवल तरु का पीत जो हो रहा हो।
तो प्यारे के दृग युगल के सामने ला उसे ही॥
धीरे-धीरे सँभल रखना औ उन्हें यों बताना
पीला होना प्रबल दुख से प्रोषिता-सा हमारा॥
(अ) सूखी लता से राधा कृष्ण को क्या सन्देश देना चाहती हैं?
(ब) पीले पत्ते को श्रीकृष्ण के सामने लाने से राधा का क्या अभिप्राय है।
(स) रेखांकित अंश का भावार्थ लिखिए।
(द) पाठ का शीर्षक और कवि का नाम लिखिए।
(य) 'प्रोषिता-सा' में कौन-सा अलंकार है?
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ubhaya alankaar hai correct answer
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