4. निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए"अन्न भूमि में भरा, वारि भूमि में भरा,यत्न कर निकाल लो, रत्न भर निकाल लो,वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!"
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71 से लेकर 80 तलाक हिंदी की स्पेलिंग
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दी गई पंक्तियों का आशय निम्न प्रकार से स्पष्ट किया गया है।
- संदर्भ : दी गई पंक्तियां " वीर तुम बढ़े चलो " कविता से ली गई है। इस कविता के कवि है द्वारिका प्रसाद ।
- प्रसंग : इस कविता के माध्यम से कवि देश को वीरों को देश सेवा के लिए आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करता है।
- व्याख्या : यह कविता एक प्रयाग गीत है। कवि कहते है है वीरो, बढ़े चलो। बिना रुके हाथ में ध्वज लेकर आगे बढ़ो।
- किसी भी अवस्था में रुको मत। चाहे बादल गरजे, चाहे बिजली कड़के । चाहे दिन हो या रात्रि ,रुको मत।
- आगे शेर गरज रहा हो या पहाड़ खड़ा हो , डरो मत।
- साथ में कोई हो अथवा न हो डटे रहो । चंद्रमा तथा सूर्य के समान आगे बढ़ते रहो।
- लगातार चलते रहने से तुम हर मुश्किल का सामना कर सकोगे।
#SPJ2
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