4) निर्देशानुसार वाच्य बदलिए
क) सिपाही ने चोर को पकड़ा ( कर्मवाच्य में)
Answers
निर्देशानुसार वाच्य बदलिए
क) सिपाही ने चोर को पकड़ा (कर्मवाच्य में)
निर्देशानुसार वाच्य इस प्रकार होगा :
सिपाही ने चोर को पकड़ा। (कर्मवाच्य में)
कर्मवाच्य : सिपाही द्वारा चोर को पकड़ा गया।
व्याख्या :
वाच्यों के तीन भेद होते हैं
कर्तृवाच्य
कर्मवाच्य
भाववाच्य
किसी वाक्य में वाच्य का वह रूप जिसमें जिसमें लिंग एवं वचन कर्ता के अनुसार होते हैं उन्हें ‘कर्तृवाच्य’ कहते हैं।
वाच्य का वह रूप जिसमें लिंग एवं वचन कर्ता के ना अनुसार ना होकर कर्म के अनुसार हो उन्हें ‘कर्मवाच्य’ कहते हैं।
‘भाववाच्य’ में भावों की प्रधानता होती है और इसमें ना तो कर्ता की प्रधानता होती और ना ही कर्म की प्रधानता होती है।
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Answer: चोर को सिपाही ने पकड़ लिया।
Explanation:
कर्मवाच्य- इसमें क्रिया का सीधा संबंध क्रिया से होता है और क्रिया के अनुसार क्रिया का रूप बदल जाता है। इसकी मुख्य क्रिया सकर्मक है।
पसंद करना-
(i) भवन श्रमिकों द्वारा बनाया गया था।
(ii) कहानी दादी द्वारा सुनाई जाती है।
(iii) गीता आम खा रही थी।
नोट- कर्मवाच्य में, क्योंकि कर्ता के बाद बाई, बाई का प्रयोग होता है।
निर्देशानुसार पाठ बदलें
क) सिपाही ने चोर को पकड़ लिया (पीड़ित आवाज)
निर्देश इस प्रकार होगा:
सिपाही ने चोर को पकड़ लिया। (पीड़ित आवाज)
निष्क्रिय आवाज: चोर को सिपाही ने पकड़ लिया।
व्याख्या :
वाक्य तीन प्रकार के होते हैं
कर्मवाच्य
कर्मवाच्य
मैं आवाज उद्धृत करता हूं
वाक्य में जिस प्रकार की वाणी में विषय के अनुसार लिंग और विषय होता है, उसे 'कर्तृवाच्य' कहते हैं।
वाणी का वह रूप जिसमें लिंग और वाणी कर्ता के अनुसार न होकर कर्म के अनुसार हो "कर्मवाच्य" कहलाता है।
भाववाच्य में भाव की प्रधानता होती है और उसमें न तो कर्ता की प्रधानता होती है और न कर्म की प्रधानता।
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