(4) 'नेत्राणि' शब्दस्य क: अर्थ: अस्ति ? क) अनेक आँखें (ख) दो आँखें (ग) एक आँख
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‘आँखों का था क़सूर, छुरी दिल पे चल गई', 'आँखों ही आँखों में इशारा हो गया', 'आँखों से बड़ी कोई तराज़ू नहीं होती' और 'अंखियों के झरोखों से' वग़ैरह.
ये गीत अचानक ही याद नहीं आया, एक बार हमने कुछ दिल वाले मुहावरे की बात की थी तो याद आया कि आख़िर दिल का क्या क़सूर था जो उसे कटघरे में खड़ा कर दिया गया. इसलिए आज बारी है आँखों की है.
क्या करूं एक और गीत याद आ रहा है. ‘आँखों के रस्ते, तू हंसते-हंसते दिल में समाने लगा है’.... अब तो गीत की बरसात होने को है और आप को हम से ज़्यादा गीत याद आ रहे होंगे लेकिन ज़रा ठहरिए अब हम गीतों की नहीं बल्कि आँखों से संबद्ध मुहावरों की ही बात करेंगे.
भाषा वैज्ञानिकों का कहना है कि अपनी शब्दावली को आसानी के साथ तेज़ी से बढ़ाने के लिए ज़रूरी है कि उसे किसी ख़ास चीज़ से जोड़ कर देखा जाए.
आप अगर चाहें तो ख़ुद इसका अभ्यास कर सकते हैं, बहुत सी तारीख़ बहुत से अंक और बहुत से फ़ोन नंबर याद रखने वाले लोग ऐसा ही करते हैं अंकों, तारीख़ों और फ़ोन नंबरों को इसी तरह याद रखते हैं यानी अपने मन में उसे किसी ख़ास चीज़ से जोड़ कर और एक क्रम में सजा लेते हैं.
Answer:
नेत्राणि शब्दस्य अर्थ: अस्ति
दो आंखें
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