Computer Science, asked by vdabi820, 1 month ago

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प्र.21 निम्नलिखित गद्यांश की संदर्भ -प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए
मोहन उनका चहेता शिष्य था। पुरोहित खानदान का कुशाग्र बुद्धि का बालक पढ़ने
में ही नहीं, गायन में भी बेजोड़। त्रिलोक सिंह मास्टर ने उसे पूरे स्कूल का मॉनीटर
बना रखा था। वही सुबह-सुबह "हे प्रभो आनंद दाता! ज्ञान हमको दीजिए।" का
पहला स्वर उठाकर प्रार्थना शुरू करता था।​

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Answered by shishir303
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मोहन उनका चहेता शिष्य था। पुरोहित खानदान का कुशाग्र बुद्धि का बालक पढ़ने  में ही नहीं, गायन में भी बेजोड़। त्रिलोक सिंह मास्टर ने उसे पूरे स्कूल का मॉनीटर  बना रखा था। वही सुबह-सुबह "हे प्रभो आनंद दाता! ज्ञान हमको दीजिए।" का पहला स्वर उठाकर प्रार्थना शुरू करता था।​

भावार्थ ➲ यह गद्यांश ‘गलता लोहा’ नामक पाठ से लिया गया है, जिसके लेखक ‘शेखर जोशी’ हैं। यह कहानी मोहन और धनराम नाम के सहपाठियों की है, जिनमें धनराम एक लुहार पुत्र है और मोहन एक पुरोहित का पुत्र है। इस पद्यांश में मोहन की विशेषता का वर्णन किया गया है क्योंकि वह अपनी प्रतिभा के कारण अपने विद्यालय में लोकप्रिय था।

व्याख्या ➲ मोहन मास्टर त्रिलोक सिंह का बेहद प्रिय शिष्य था उसके पिता जी पुरोहित है यानी वह रोहित खानदान से संबंध रखता था इस कारण उसमें उसकी बुद्धि भी बड़ी तेज थी पिता ने उसे सारे संस्कार दिए थे इसलिए वह पढ़ाई में तेज होने के साथ-साथ गाना भी जानता था और गायन कला में उसका कोई जवाब नहीं था। विद्यालय के मास्टर त्रिलोक सिंह ने उसे पूरे विद्यालय का मॉनिटर बना दिया था, क्योंकि मास्टर त्रिलोक सिंह मोहन को बहुत मानते थे। मोहन सुबह सुबह ‘हे प्रभु आनंद दाता ज्ञान हमको दीजिए. नामक प्रार्थना गाता था त्रिलोक सिंह ने मोहन के विषय में भविष्यवाणी की थी कि वह बड़ा होकर एक बड़ा आदमी बनेगा और हमारे विद्यालय का नाम रोशन करेगा  

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संबंधित कुछ और प्रश्न —▼

मोहन कौन था क्लास। (गलता लोहा)

https://brainly.in/question/23361001

मास्टर त्रिलोक सिंह का मोहन से क्या उम्मीद थी  

https://brainly.in/question/23361198  

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Answered by rupabhatt52
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Answer:

vah nepaal se tibbat jane ka rasta hai jisme kabhi cheeni pltn rha krti thi

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