Hindi, asked by ayshassheikh, 19 days ago

4. पाठ में लेखक ने फ़िजूलखर्ची न करने की आदत डाल ली थी। सोचिए और लिखिए
कि आप समय, शक्ति और धन में से क्या अधिक खर्च करते हैं और क्यों?​

Answers

Answered by mukeshpatel234
2

Answer:

समय

Explanation:-समय की पाबंदी का उद्देश्य है अपने कार्य को मन लगाकर ठीक समय पर, निश्चित अवधि के भीता

समय की पाबंदी का उद्देश्य है अपने कार्य को मन लगाकर ठीक समय पर, निश्चित अवधि के भीतासफलतापूर्वक पूर्ण करना। जो लोग समय के पाबंद होते हैं उन्नों अपने कार्य करने के लिए किसी की प्रेरणा

समय की पाबंदी का उद्देश्य है अपने कार्य को मन लगाकर ठीक समय पर, निश्चित अवधि के भीतासफलतापूर्वक पूर्ण करना। जो लोग समय के पाबंद होते हैं उन्नों अपने कार्य करने के लिए किसी की प्रेरणाया किसी के अनुरोध की आवश्यकता नहीं होती बल्कि उनकी आत्मा ही उन्हें अपने प्रत्येक कार्य में प्रवलत

समय की पाबंदी का उद्देश्य है अपने कार्य को मन लगाकर ठीक समय पर, निश्चित अवधि के भीतासफलतापूर्वक पूर्ण करना। जो लोग समय के पाबंद होते हैं उन्नों अपने कार्य करने के लिए किसी की प्रेरणाया किसी के अनुरोध की आवश्यकता नहीं होती बल्कि उनकी आत्मा ही उन्हें अपने प्रत्येक कार्य में प्रवलतकरती है। समय की पाबंदी करने वाले उत्साही और फुर्तीले होते हैं, अपने कार्यों को योजनाबद्घ रीति से

समय की पाबंदी का उद्देश्य है अपने कार्य को मन लगाकर ठीक समय पर, निश्चित अवधि के भीतासफलतापूर्वक पूर्ण करना। जो लोग समय के पाबंद होते हैं उन्नों अपने कार्य करने के लिए किसी की प्रेरणाया किसी के अनुरोध की आवश्यकता नहीं होती बल्कि उनकी आत्मा ही उन्हें अपने प्रत्येक कार्य में प्रवलतकरती है। समय की पाबंदी करने वाले उत्साही और फुर्तीले होते हैं, अपने कार्यों को योजनाबद्घ रीति सेकरते हैं और अपने काम के समय का पूरा-पूरा उपयोग करने का ध्यान रखते हैं। ऐसे मनुष्य अमोद-प्रमोद

समय की पाबंदी का उद्देश्य है अपने कार्य को मन लगाकर ठीक समय पर, निश्चित अवधि के भीतासफलतापूर्वक पूर्ण करना। जो लोग समय के पाबंद होते हैं उन्नों अपने कार्य करने के लिए किसी की प्रेरणाया किसी के अनुरोध की आवश्यकता नहीं होती बल्कि उनकी आत्मा ही उन्हें अपने प्रत्येक कार्य में प्रवलतकरती है। समय की पाबंदी करने वाले उत्साही और फुर्तीले होते हैं, अपने कार्यों को योजनाबद्घ रीति सेकरते हैं और अपने काम के समय का पूरा-पूरा उपयोग करने का ध्यान रखते हैं। ऐसे मनुष्य अमोद-प्रमोदके लिए, अपने मित्रों और सगे-संबंधियों से मिलने-जुलने के लिए तथा विश्राम और शयन के लिए उचित

समय की पाबंदी का उद्देश्य है अपने कार्य को मन लगाकर ठीक समय पर, निश्चित अवधि के भीतासफलतापूर्वक पूर्ण करना। जो लोग समय के पाबंद होते हैं उन्नों अपने कार्य करने के लिए किसी की प्रेरणाया किसी के अनुरोध की आवश्यकता नहीं होती बल्कि उनकी आत्मा ही उन्हें अपने प्रत्येक कार्य में प्रवलतकरती है। समय की पाबंदी करने वाले उत्साही और फुर्तीले होते हैं, अपने कार्यों को योजनाबद्घ रीति सेकरते हैं और अपने काम के समय का पूरा-पूरा उपयोग करने का ध्यान रखते हैं। ऐसे मनुष्य अमोद-प्रमोदके लिए, अपने मित्रों और सगे-संबंधियों से मिलने-जुलने के लिए तथा विश्राम और शयन के लिए उचितअवकाश भी निकाल लेते हैं परंतु इसके विपरीत समय की पाबंदी की उपेक्षा करने वाले लोग तनाव में रहते

समय की पाबंदी का उद्देश्य है अपने कार्य को मन लगाकर ठीक समय पर, निश्चित अवधि के भीतासफलतापूर्वक पूर्ण करना। जो लोग समय के पाबंद होते हैं उन्नों अपने कार्य करने के लिए किसी की प्रेरणाया किसी के अनुरोध की आवश्यकता नहीं होती बल्कि उनकी आत्मा ही उन्हें अपने प्रत्येक कार्य में प्रवलतकरती है। समय की पाबंदी करने वाले उत्साही और फुर्तीले होते हैं, अपने कार्यों को योजनाबद्घ रीति सेकरते हैं और अपने काम के समय का पूरा-पूरा उपयोग करने का ध्यान रखते हैं। ऐसे मनुष्य अमोद-प्रमोदके लिए, अपने मित्रों और सगे-संबंधियों से मिलने-जुलने के लिए तथा विश्राम और शयन के लिए उचितअवकाश भी निकाल लेते हैं परंतु इसके विपरीत समय की पाबंदी की उपेक्षा करने वाले लोग तनाव में रहतेहैं, उनका समय इधर-उधर आलस्य और प्रमाद करने में व्यर्थ ही व्यतीत हो जाता है और वे सदा काम के

समय की पाबंदी का उद्देश्य है अपने कार्य को मन लगाकर ठीक समय पर, निश्चित अवधि के भीतासफलतापूर्वक पूर्ण करना। जो लोग समय के पाबंद होते हैं उन्नों अपने कार्य करने के लिए किसी की प्रेरणाया किसी के अनुरोध की आवश्यकता नहीं होती बल्कि उनकी आत्मा ही उन्हें अपने प्रत्येक कार्य में प्रवलतकरती है। समय की पाबंदी करने वाले उत्साही और फुर्तीले होते हैं, अपने कार्यों को योजनाबद्घ रीति सेकरते हैं और अपने काम के समय का पूरा-पूरा उपयोग करने का ध्यान रखते हैं। ऐसे मनुष्य अमोद-प्रमोदके लिए, अपने मित्रों और सगे-संबंधियों से मिलने-जुलने के लिए तथा विश्राम और शयन के लिए उचितअवकाश भी निकाल लेते हैं परंतु इसके विपरीत समय की पाबंदी की उपेक्षा करने वाले लोग तनाव में रहतेहैं, उनका समय इधर-उधर आलस्य और प्रमाद करने में व्यर्थ ही व्यतीत हो जाता है और वे सदा काम केबोझ की शिकायत करते रहते हैं।इस लिए हमें समय का सही तरीके से उप्योग करना चाहिए|

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