4. पाठ्य-पुस्तकों के विषय में कौन-सा कथन अनुचित होगा?
(1) पाठ्य-पुस्तकों की सहायता से निश्चित समय में विभिन्न विषयों
ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है
(2) पाठ्य-पुस्तकों की सहायता से विद्यार्थी कक्षा में सुनी हुई बातों को
घर पर भी समझ सकता है तथा पुनरावृत्ति का कार्य आसानी से
कर सकता है
(3) पाठ्य-पुस्तकों से प्राप्त ज्ञान पूर्ण रूप से व्यावहारिक होता है अतः
उसकी अत्यधिक उपयोगिता है
(4) अधिकांशतः यह पाया जाता है कि पाठ्य-पुस्तकों का प्रयोग
विद्यार्थियों में रटने की प्रवृत्ति को बढ़ाता है
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Answer:
आपकी माध्यमिक अंग्रेजी पाठ्यपुस्तकें आपके अध्यापन के लिए उपयोगी संरचना और पाठ्यक्रम प्रदान करती हैं। उनमें छात्रों के लिए विविध प्रकार के पाठ होते हैं, जिनमें भारत और अन्य देशों के कई लेखकों द्वारा लिखे गए गद्य, नाटक और पद्य के अंश शामिल हैं। इन पाठ्यपुस्तकों से छात्र भाषा के उपयोग और शब्दावली की दृष्टि से कई बातें सीख सकते हैं, और वे आपकी शिक्षण प्रक्रिया के लिए एक बड़े संसाधन बन सकते हैं। तथापि, National Focus Group on [the] Teaching of English (NCERT, 2006) का कथन है कि ‘curricular freedom cannot exist in the presence of a single prescribed text’ (2006, p. 22)। यह अनुशंसा करता है कि उम्र में बड़े विद्यार्थियों के लिए रेडियो, पत्र-पत्रिकाओं या टेलिविजन की समाचार कहानियों जैसे संसाधनों का उपयोग किया जाय। शोध दर्शाता है कि पाठ्यपुस्तक से परे संसाधनों का बार-बार और प्रासंगिक उपयोग छात्रों में बेहतर सीखने की प्रक्रिया को बढ़ावा दे सकता है
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