4.परान्नं प्राप्य दुर्बुद्धे! मा शरीरे दयां कुरु ।
परान्नं दुर्लभं लोके शरीराणि पुनः पुनः ।।....
इस श्लोक में किसे दुर्लभ बताया गया है?
1) शरीर को
2) दुर्बुद्धि को
3) पराए अन्न को
5.मित्रेण कलहं कृत्वा न कदापि सुखी जनः । इति ज्ञात्वा प्रयासेन तदेव परिवर्जयेत् ।।....
इस श्लोक में किस से बचने की बात कही गई है?
1) मित्र से
2) सुखी व्यक्ति से
3) कलह से
@Sankrit Question
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i can't understand your language
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4.परान्नं प्राप्य दुर्बुद्धे! मा शरीरे दयां कुरु ।
परान्नं दुर्लभं लोके शरीराणि पुनः पुनः ।।
इस श्लोक में किसे दुर्लभ बताया गया है?
1) पराए अन्न को
5.मित्रेण कलहं कृत्वा न कदापि सुखी जनः । इति ज्ञात्वा प्रयासेन तदेव परिवर्जयेत् ।।
इस श्लोक में किस से बचने की बात कही गई है?
3) कलह से
Hope it is helpful.
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