4. पश्मीना क्या है ? इसे कैसे प्राप्त कर
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पश्मीना असल में कश्मीर के लद्दाख के चंगथांग में पाई जाने वाली चांगरा बकरियों के ऊन से ही बनती है, जो समुद्र तल से करीब 14,000 फुट की ऊंचाई पर पाई जाती हैं। एक बड़ी पश्मीना शाल को बनाने के लिए तीन नस्ल के बकरों से प्राप्त ऊन का प्रयोग किया जाता है और एक बकरे से लगभग 80 से 170 ग्राम तक ऊन प्राप्त हो जाती है.
Answer:
पश्मीना का मतलब है “ उल से बनी हुई”। पहाड़ी इलाकों में, और खास कर हिमालय के निचली भाग पर जलवायु ठंड तथा शुष्क रहता है। इस मौसम में एक प्रजाति के बकरी अच्छे पलते है, जिनका नाम है “ चंगथांगी”। यह प्रजाति नेपाल, तिब्बत, जम्मू कश्मीर आदि में पाए जाते हैं।
पश्मीना असल में कश्मीर के लद्दाख के चंगथांग में पाई जाने वाली चांगरा बकरियों के ऊन से ही बनती है, जो समुद्र तल से करीब 14,000 फुट की ऊंचाई पर पाई जाती हैं। एक बड़ी पश्मीना शाल को बनाने के लिए तीन नस्ल के बकरों से प्राप्त ऊन का प्रयोग किया जाता है और एक बकरे से लगभग 80 से 170 ग्राम तक ऊन प्राप्त हो जाती है.