4. पत्र धरोहर हो सकते हैं लेकिन एसएमएस क्यों नहीं? तर्क सहित अपना
| विचार लिखिए।
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Explanation:
पत्र किसी दस्तावेज़ से कम नहीं है। आज पत्र अनेक संकलनों के रुप में देखे जा सकते हैं। ‘पंत के दो सौ पत्र बच्चन के नाम ‘ और ‘निराला’ के पत्र ‘हमको लिख्यौ है कहां’ तथा ‘पत्रों के आइने में दयानंद सरस्वती’ सहित कई पुस्तकें हमें धरोहर के रूप में देखने को मिल जाती हैं। पत्रों का यह दिलचस्प संकलन धरोहर हैं लेकिन एसएमएस धरोहर नहीं हो सकते। एक तो इन्हें संभाल कर रखना कठिन है दूसरा इनके द्वारा अपने विचारों को विस्तृत रूप से प्रस्तुत करना संभव नहीं है इसलिए पत्र धरोहर हो सकते हैं जो जीवन को गतिशील बनाने का कार्य करते हैं लेकिन एसएमएस नहीं।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।
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इसका। एकमात्र तर्क है पहले। जमाने। केलोग जब दूर दूर रहते थे तो पत्र की अवसक्ता होती थी लग जाते थे पत्र को पहुंचाने में लोगों। कोकाफी बेसब्री से इंतज़ार होता था काफी जो शब्नध होते काफ़ी मजबूत होते थे
लेकिन वहीं। अगर SMS। KA batt kiya jaye to ye kafi Adhunik ho chuki turant bhejo turant pahunch jata hai isase relation me kafi kharabiyan ati hai
isiliye patr ko dharvor saman mana gaya hai
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